देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. इससे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता बढ़ गई है. हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री ने कोविड-19 को लेकर व्यस्क के इलाज को लेकर नई क्लीनिकल गाइडलाइंस जारी की है. नई गाइडलाइंस के मुताबिक एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल तब तक नहीं करना चाहिए, जब तक कि बैक्टीरियल इंफेक्शन का क्लीनिकल खतरा ना हो. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कई राज्यों को 5 फोल्ड स्ट्रैटेजी पालन करने को कहा था. इसमें टेस्ट, ट्रैक, इलाज और टीकाकरण शामिल है.
इन दवाओं का इस्तेमाल ना करें-
नेशनल टास्क फोर्स के मुताबिक एंटी वायरस की दवाओं के इस्तेमाल को लेकर संशोधित गाइडलाइंस में लोपिनाविर-रिटोनाविर, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, इवरमेक्टिन, मोलनुपिराविर, फेविपिराविर, एजिथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन जैसी दवाओं का इस्तेमाल ना करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा वयस्क कोरोना रोगियों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल ना करने की सलाह भी दी गई है. सरकार ने कहा है कि बिना जांच के इन दवाओं का इस्तेमाल ना करें.
क्या करना चाहिए-
संशोधित कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, घर के अंदर भी मास्क का इस्तेमाल करें और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए. समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहना चाहिए. नई गाइडलाइंस के मुताबिक बीमारी के लक्षणों पर नजर बनाए रखें. शरीर का टेंपरेचर और ऑक्सीजन लेवल समय-सयम पर चेक करते रहें. ऑक्सजीन लेवल में उतार-चढ़ाव पर निगरानी रखने की सलाह दी गई है. अगर 5 दिन से ज्यादा समय तक सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार या खांसी हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.
जनवरी में हुई थी चर्चा-
इन दिशानिर्देशों पर जनवरी के महीने में चर्चा की गई थी. गंभीर लक्षण या ज्यादा बुखार होने पर 5 दिनों तक रेमेडिसविर देने पर विचार कर सकते हैं. गंभीर बीमारी यी आईसीयू में भर्ती होने के 24 से 48 घंटे के भीतर टोसीलिजुमाब देने पर विचार कर सकते हैं. लेकिन इस कदम को उठाने से पहले कुछ क्राइटेरिया का पालन करना जरूरी है.
फिर बढ़ रहे कोरोना के मामले-
एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी आई है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 918 नए मामले सामने आए हैं. शनिवार को 130 दिन का रिकॉर्ड केस दर्ज किया गया था. इस दिन एक हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले सामने आए थे. 12 मार्च से 18 मार्च के बीच 5 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए थे.
ये भी पढ़ें: