केंद्र सरकार लगातार कोरोना महामारी से जंग और मजबूत करती जा रही है. जिसके चलते सरकार डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान पर भी ध्यान दे रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगले एक महीने में डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान 'हर घर दस्तक' के साथ राष्ट्रीय कोविड -19 टीकाकरण अभियान को बढ़ाने की सलाह दी. मंडाविया ने कहा कि इस अभियान के तहत ज्यादातर उन जिलों को कवर किया जाएगा जहां पर अभी तक लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगी है.
खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों पर होगी विशेष ध्यान
दरअसल मंडाविया ने दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रियों की एक बैठक में कहा कि हम एक मेगा टीकाकरण अभियान 'हर घर दस्तक' शुरू करने जा रहे हैं. हमने तय किया है कि अगले एक महीने के लिए स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर दूसरी खुराक के पात्र लोगों का टीकाकरण करेंगे और उन लोगों को भी जिन्होंने पहली खुराक नहीं ली है, खासकर खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 134 मिलियन लाभार्थी हैं, जिन्होंने निर्धारित अंतराल के बाद भी अपना दूसरा टीका नहीं लिया है. सूत्रों के अनुसार, बुधवार तक, 313, 767,852 लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है, जबकि 407,789, 873 ने अपनी पहली कोविड -19 खुराक ली है.
10 करोड़ लोगों ने नहीं ली दूसरी डोज की वैक्सीन
मंडाविया ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हर जिले में पात्र लाभार्थियों का पूरी तरह से टीकाकरण किया जाए. भारत में 77 प्रतिशत योग्य आबादी को पहली खुराक कोविड-19 का टीका लगाया जा चुका है, और 32% आबादी को दोनों खुराकें मिल चुकी हैं. लेकिन 10 करोड़ से अधिक लोगों ने वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं ली है. जो लोग दूसरी खुराक के लिए पात्र हैं उन्हें टीका लगना बहुत जरूरी है.
नवंबर 2021 के अंत तक सभी को लग जाएगी वैक्सीन की पहली खुराक
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को यह आश्वासन भी दिया कि आवश्यक मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त वैक्सीन खुराक उपलब्ध हैं, और कम से कम 120 मिलियन शेष और अप्रयुक्त वैक्सीन खुराक वर्तमान में प्रशासन के लिए राज्यों के पास उपलब्ध हैं. उन्होंने ये भी कहा हमारा लक्ष्य नवंबर 2021 के अंत तक सभी लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लगाने का है. साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की प्रगति पर निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.