कोलकाता के ढाकुरिया शहर में डॉक्टरों ने दुनिया की सबसे छोटी हार्ट-पंपिंग मशीन से एंजियोप्लास्टी की है. डॉक्टर्स ने इम्पेला डिवाइस का उपयोग करके 66 साल के मरीज की सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी की. ढाकुरिया निवासी मरीज क्रोनिक टोटल ऑक्लूजन का सामना कर रहे थे, जिसमें एक या एक से ज्यादा कोरोनरी आर्टिरीज (coronary arteries) ब्लॉक हो जाते हैं.
इम्पेला डिवाइस के फायदे
दरअसल, एक्सपर्ट के मुताबिक, दिल के दौरे के मामलों में तत्काल हस्तक्षेप से कार्डियक शॉक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इम्पेला डिवाइस किसी भी हस्तक्षेप से पहले चार से छह घंटे का समय देकर इस जोखिम को कम कर सकता है. इम्पेला डिवाइस दुनिया की सबसे छोटी हार्ट-पंपिंग मशीन है. इसकी मदद से खराब दिल या हार्ट फेल को सात दिनों तक, कभी-कभी इससे भी अधिक समय तक रोका जा सकता है. यह कैथेटर की तरह काम करता है और सबमर्सिबल वॉटर पंप के सिद्धांत पर काम करता है. यह पेंसिल जितना मोटा और लगभग 6 इंच लंबा होता है.
छोटा-सा डिवाइस है जीवनरक्षक
मेडिका इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंस (MICS) के चीफ एकेडमिक कोऑर्डिनेटर दिलीप कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से ब्लॉकेज और इससे जुड़े रोगियों के लिए इम्पेला डिवाइस की जरूरत के बारे में बताया. उनके मुताबिक, इस छोटे से डिवाइस से दिल से जुड़ी बिमारियों का सामना कई हद तक किया जा सकता है. ये उन्हें एक नई जिंदगी देने का काम करता है.
पूर्वी भारत में पहला प्रयोग
अस्पताल ने इसे लेकर बताया कि ऐसा पहली बार है जब पूर्वी भारत में इम्पेला डिवाइस का इस्तेमाल किया गया है. रिपोर्टों के अनुसार, देश भर में केवल चार ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें इस तरह के डिवाइस की मदद ली गई है.
MICS के सीनियर वाइस चेयरमैन (Head of Cardiology Services) राबिन चक्रवर्ती बताते हैं कि कार्डियोजेनिक शॉक के दौरान इम्पेला डिवाइस जीवनरक्षक हो सकता है. इस डिवाइस की मदद से एंजियोप्लास्टी को सहारा मिलता है. साथ ही दिल के लिए ये काफी प्रभावी साबित हुआ है.