गर्मी की वजह से राजधानी दिल्ली में शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने स्कूलों में छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. हीटवेव की स्थिति पर बढ़ती चिंताओं के साथ, डीओई ने कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनका उद्देश्य छात्रों के लिए गर्मी के जोखिम को कम करना है.
गर्मी को लेकर निर्देश जारी
बढ़ते तापमान के जवाब में, DoE ने दिल्ली के सभी सरकारी, एडेड और अनएडेड स्कूलों में उपाय लागू करने का आदेश दिया है:
1. स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों को गर्मी से और हीटस्ट्रोक से बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने वाले पोस्टर लगाएं. इसमें छात्रों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए चीजें बताई जाएं.
2. पीक आवर्स के दौरान गर्मी के जोखिम को देखते हुए, स्कूलों को दोपहर में असेम्बली को सस्पेंड करने का निर्देश दिया गए है. इस उपाय का उद्देश्य छात्रों को हीटवेव से बचाना है.
3. बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए स्कूलों को ओपन क्लास के लिए मना किया गया है और बाहरी गतिविधियों को भी रोकने के लिए कहा गया है.
बच्चों पर गर्मी की लहरों के प्रभाव को समझना
बच्चे गर्मी और लू के प्रति संवेदनशील होते हैं. जिससे वे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं.
1. बच्चों को कम पसीना आता है और वयस्कों की तुलना में उनका मेटाबॉलिज्म ज्यादा होता है, जिससे वे गर्मी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं. हाइड्रेटेड नहीं होने पर बच्चों को गर्मी लग सकती है और वे इससे बीमार पड़ सकते हैं.
2. शिशुओं और छोटे बच्चों में अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की सीमित क्षमता होती है, जिससे उन्हें गर्मी जल्दी लग सकती है. अगर कोई प्रेग्नेंट महिला ज्यादा गर्मी के संपर्क में आती है तो इसका प्रभाव पेट में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है.
3. हीटवेव बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है, जिसमें हीट स्ट्रोक, डीडाइड्रेशन और पुरानी कोई बीमारी का बढ़ जाना शामिल है. इसके अलावा, इससे बच्चों की भूख भी प्रभावित हो सकती है.
रोकथाम के लिए क्या करें
लू के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उन्हें गर्मी से बचाना जरूरी है
-गर्म मौसम के दौरान, घर के अंदर और बाहर, दोनों जगह बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें.
-बच्चों को बार-बार पानी पीने के लिए कहें.
-दिन के सबसे गर्म समय, आमतौर पर दोपहर को बाहर जाने से मना करें.
-बच्चों को गर्म मौसम के दौरान ठंडे और हाइड्रेटेड रहने के महत्व के बारे में शिक्षित करें, उन्हें अपनी भलाई के लिए उपाय करने के लिए सशक्त बनाएं.
इन दिशानिर्देशों का पालन करके और जागरूकता बढ़ाकर स्कूल और माता-पिता सामूहिक रूप से बच्चों को स्वस्थ रख सकते हैं. साथ ही हीटवेव के प्रभाव को कम कर सकते हैं.