आज के समय में एड़ी में चोट, मोच लगना या एंकल स्प्रेन (Ankle Sprain) काफी कॉमन है. ये एक तरह की मस्कुलोस्केलेटल चोटों में से एक है. ये चोट ज्यादातर नेटबॉल, बास्केटबॉल और फुटबॉल जैसे खेलों में जहां कूदना, एक पैर पर जोर देने जैसी चीजें होती हैं. एंकल स्प्रेन कई बार बहुत ज्यादा दर्दनाक, परेशान करने वाला हो सकता है. इतना ही नहीं आपको चलने तक में परेशानी झेलनी पड़ सकती है. इसके लिए जरूरी है कि आप पहले से ही कुछ बातों का ख्याल रखें. मोच के जोखिम को कम करने के लिए अक्सर लोग "हाई-टॉप" जूते खरीदते हैं. ये वो जूते होते हैं जिसमें चारों ओर का भाग (जिसे "कॉलर" भी कहा जाता है) एंकल के करीब फैला होता है. अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो ऐसा न करें.
हाई-टॉप जूते पहुंचा सकते हैं आपको नुकसान
दरअसल, एंकल स्प्रेन को कैसे कम किया जा सके इसपर कई सारे शोध हो चुके हैं. लेकिन इन सभी में ये सामने आया है कि जूते की सफलता को मापने, या "हाई-टॉप" जूते को परिभाषित करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, अलग-अलग स्टडी में "हाई-टॉप" से "लो-टॉप" जूतों के बीच कॉलर की ऊंचाई में अंतर काफी था, जो 4.3 से 8.5 सेमी (1.7 से 3.3 इंच) तक था.
स्टेबिलिटी देते हैं लेकिन बाहरी चोट से नहीं बचाते
हाल ही में हुई स्टडी से पता चलता है कि हाई टॉप जूते आपको एंकल स्प्रेन से नहीं बचाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि ये डिजाइन एथलीट के परफॉरमेंस को भी कम कर सकता है और कुछ लोगों में एंकल स्प्रेन का बड़ा कारण हो सकता है. हालांकि, स्टडी में ये जरूर कहा गया कि हाई टॉप जूते अच्छी स्टेबिलिटी तो देते हैं लेकिन बाहरी चोट से ये नहीं बचाते हैं.
हालांकि, चलते हुए ऐसा नहीं है. एक बार जब आप चलना शुरू करते हैं तो यह एक अलग कहानी है. कुछ स्टडी बताती हैं कि हाई टॉप जूते कुछ एक्टिविटी में एंकल स्प्रेन के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि ये जूते हमारे एंकल और पैरों की मांसपेशियों के उपयोग के तरीके को बदल सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं इसके जोखिम को कम
एंकल स्प्रेन के जोखिम को कम करने के लिए, यह जरूरी है कि पैरों के दोनों तरफ की मांसपेशियां एक ही समय में एक साथ काम करें. इस बात के भी कई प्रमाण हैं कि ऊंचे-ऊंचे जूते पहनने से एथलीट का प्रदर्शन खराब हो सकता है. इससे कूदने की ऊंचाई कम हो जाती है और शरीर के अन्य भागों में शॉक ट्रांसमिशन बढ़ जाता है.
सही फिट होना सबसे जरूरी
बाहरी सपोर्ट जैसे टेप और ब्रेसिज, काफी प्रभावी होते हैं. ऐसे में फुटवियर चुनते हुए हमेशा देखें कि वह अच्छी तरह फिट आए और अच्छे से काम करे. जूते को पैर की लंबाई, चौड़ाई और गहराई में फिट होना चाहिए, सबसे लंबे पैर की अंगुली और जूते की नोक के बीच अंगूठे की चौड़ाई के साथ होना चाहिए.
हालांकि, लगभग 70 प्रतिशत लोग ऐसे जूते पहनते हैं जो ठीक से फिट नहीं होते हैं. महिलाओं और लड़कियों के पास अक्सर ऐसे जूते होते हैं जो बहुत नैरो होते हैं, और पुरुष अक्सर ऐसे जूते पहनते हैं जो बहुत लंबे होते हैं. खराब फिटिंग वाले जूते ऑस्टियोआर्थराइटिस को बुलावा दे सकते हैं.