How to Eat Sprouts: पाचन से लेकर शुगर को रखता है कंट्रोल, जानें स्प्राउट्स खाने का सही तरीका

Sprouts for weight loss: स्प्राउट्स जहां एक ओर आपके पाचन में सुधार करते हैं तो वहीं ये आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं. इन्हें खाकर आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और आप भरा हुआ महसूस करते हैं. हालांकि, कच्चे स्प्राउट्स खाने से कई बार लोगों को फूड पॉइजनिंग भी हो जाती है, जिससे लोग अक्सर सवाल करते हैं कि क्या इसे खाया जा सकता है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST
  • कच्चे स्प्राउट्स को हमेशा फूड पॉइजनिंग से जोड़ा जाता है
  • पके हुए स्प्राउट्स की तुलना में कच्चे स्प्राउट्स को पचाना मुश्किल होता है
  • स्प्राउट्स खाने का सही तरीका

शाकाहारी (Vegetarian) लोगों को अक्सर स्प्राउट्स (Sprouts) खाने की सलाह दी जाती है. ये प्रोटीन के सबसे अच्छे सोर्स होते हैं.  इन छोटे अंकुरित बीजों को विटामिन और मिनिरल के कारण न्यूट्रिशनल पावर हाउस माना जाता है. ये कैलोरीज में कम होते हैं और प्रोटीन, फोलेट, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज और विटामिन सी भरपूर होते हैं. इनके अंकुरित होने की जो प्रक्रिया होती है वो वास्तव में इनकी पोषण सामग्री को और भी ज्यादा बढ़ा देती है और जो लोग अपनी फिटनेस को लेकर काफी सचेत रहते हैं और अपने वजन को लेकर काफी कॉन्शियस होते हैं उनकी लिस्ट में स्प्राउट्स सबसे ऊपर होते हैं. 

स्प्राउट्स जहां एक ओर आपके पाचन में सुधार करते हैं तो वहीं ये आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखते हैं. इन्हें खाकर आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती है और आप भरा हुआ महसूस करते हैं. हालांकि, कच्चे स्प्राउट्स खाने से कई बार लोगों को फूड पॉइजनिंग भी हो जाती है, जिससे लोग अक्सर सवाल करते हैं कि क्या इसे खाया जा सकता है. चलिए जानते हैं कि आपके लिए कौन से स्प्राउट्स बेहतर हैं:

प्रतीकात्मक तस्वीर

कच्चे स्प्राउट्स और फूड पॉइजनिंग 

कच्चे स्प्राउट्स को हमेशा फूड पॉइजनिंग से जोड़ा जाता है, क्योंकि इनमें साल्मोनेला और ई. कोली जैसे हानिकारक बैक्टीरिया पाए जाते हैं. सेम (beans) और बीज ज्यादातर गर्म और ह्यूमिडिटी वाले वातावरण में अंकुरित होते हैं. ये वातावरण ऐसे बैक्टीरिया के पनपने के लिए एकदम सही हैं. ज्यादातर लोगों को स्प्राउट्स खाने के 12-72 घंटे बाद डायरिया, पेट में ऐंठन और उल्टी जैसे फूड पॉइजनिंग के लक्षण देखने को मिल जाते हैं. हालांकि ये लक्षण ज्यादा घातक नहीं होते हैं लेकिन बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कम इम्यूनिटी वाले लोगों के मामले में ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं.

Sprouts

पाचन संबंधी समस्याएं

विशेषज्ञों के अनुसार, पके हुए स्प्राउट्स की तुलना में कच्चे स्प्राउट्स को पचाना मुश्किल होता है. हो सकता है कि आपका शरीर कच्चे रूप में बीज और बीन्स के सभी पोषक तत्वों को अब्सॉर्ब करने में सक्षम न हो.  स्प्राउट्स को थोड़ा पकाने से उसके पोषक तत्व शरीर के लिए और अधिक फायदेमंद हो जाते हैं.

स्प्राउट्स खाने का सही तरीका

हालांकि पहले भी कई बार कच्चे स्प्राउट्स खाने के बाद फूड पॉइजनिंग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन यह हर किसी को इस समस्या का सामना नहीं  करना पड़ता है. बहुत से लोग कच्चे स्प्राउट्स रोजाना खाते हैं और उन्हें फिर भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. हालांकि आप पैन में थोड़ा तेल डालें और बैक्टीरिया को मारने के लिए स्प्राउट्स को थोड़ी देर के लिए भूनें या 5-10 मिनट के लिए नमक के पानी में उबाल लें, इन्हें पकाने से आप आसानी से इसे पचा सकेंगे और इसके पोषक तत्वों को आपका शरीर अब्सॉर्ब भी कर लेगा.  

वहीं, अगर आपका इम्यून सिस्टम अच्छा है और कच्चे स्प्राउट्स खाने से आपको कभी कोई समस्या नहीं हुई है तो आप इसे इसी तरह खाना जारी रख सकते हैं. लेकिन अगर आप चिंतित हैं या आपका इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर है, तो अपने स्प्राउट्स को अपने सलाद या चावल में शामिल करने से पहले उन्हें थोड़ा पका लें.


 

 

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