स्ट्रोक से गई आखों की रोशनी को ऐसे लाया जा सकता है वापस, जानें कैसे?

दृश्य क्षेत्र कवरेज को मापने के लिए पेरिमेट्री नामक एक दृश्य क्षेत्र परीक्षण सबसे अच्छा माना जाता है. हालाँकि इसकी भी सीमाएँ हैं. इसका कवरेज साफ नहीं होता है, इसके लिए मरीजों की अच्छी चौकसी की आवश्यकता होती है, और दृश्य मार्ग में कमी कहाँ मौजूद है.

स्ट्रोक से गई आखों की रोशनी को ऐसे लाया जा सकता है वापस, जानें कैसे?
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST
  • स्ट्रोक में आम है दृष्टि का जाना
  • पेरिमिट्री से मिल सकता है समस्या का निवारण

नॉटिंघम विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने दृष्टि हानि के साथ स्ट्रोक से बचे लोगों में दृश्य मस्तिष्क गतिविधि को मैप करने के लिए एमआरआई इमेजिंग का उपयोग किया है जो दृष्टि लौटाने में सहायक है. उन्होंने दृष्टि हानि से प्रभावित मस्तिष्क के क्षेत्रों को सटीक रूप से पहचानने के लिए ब्रेन इमेजिंग के साथ दृष्टि परीक्षणों से डेटा को जोड़कर नई अंतर्दृष्टि प्राप्त की है.

स्ट्रोक में आम है दृष्टि का जाना
यह दृश्य मस्तिष्क क्षेत्रों की पहचान करने की अनुमति देता है जहां रिकवरी के साथ कार्य को संभावित रूप से बेहतर बनाया जा सकता है. आखों की रौशनी का नुकसान स्ट्रोक की एक आम समस्या है. इस प्रकार की दृष्टि हानि को हेमियानोपिया कहा जाता है. इस बामारी में आखों के एक तरफ की दृष्टि प्रभावित होती है, और मस्तिष्क में दृश्य मार्ग को नुकसान पहुंचता है. 

पेरिमिट्री से मिल सकता है समस्या का निवारण
फिलहाल दृश्य क्षेत्र कवरेज को मापने के लिए पेरिमेट्री नामक एक दृश्य क्षेत्र परीक्षण सबसे अच्छा माना जाता है. हालाँकि इसकी भी सीमाएँ हैं. इसका कवरेज साफ नहीं होता है, इसके लिए मरीजों की अच्छी चौकसी की आवश्यकता होती है, और दृश्य मार्ग में कमी कहाँ मौजूद है. इस बात की केवल अप्रत्यक्ष जानकारी ही मिल पाती है. अध्ययन में, टीम ने चार-स्ट्रोक से बचे मरीजों के पेरिमिट्री और ब्रेन इमेजिंग डेटासेट को जोड़ा, जिससे ये सामने आया कि पेरिमिट्री और ब्रेम इमेजिंग का इस्तेमाल करके आखों की रौशनी को पूरी तरह जाने से रोका जा सकता है.

दृष्टि जाने के हो सकते है और भी कारण
यह संयुक्त दृष्टिकोण चिकित्सा के लिए एक व्यक्तिगत दृष्टिकोण की क्षमता प्रदान करता है, जो स्ट्रोक के बाद के मस्तिष्क में कार्यात्मक गतिविधि पैटर्न द्वारा निर्देशित होता है. शोध से यह भी पता चला है कि एक ही दृश्य क्षेत्र का नुकसान मस्तिष्क क्षति के बहुत अलग पैटर्न के कारण हो सकता है. इस स्ट्रोक से बचे लोगों के लिए व्यक्तिगत पुनर्वास योजनाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है. टीम का कहना है कि यह महत्वपूर्ण शोध स्ट्रोक के बाद मस्तिष्क की चोट के कारण दृष्टि हानि का अनुभव करने वाले लोगों के लिए नई आशा देता है. यह कार्य वास्तव में लोगों की रिकवरी में परिवर्तनकारी हो सकता है. जीवन की क्वालिटी में सुधार करने में मदद करता है.

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