Green Crackers vs Traditional Crackers: पारंपरिक पटाखों से अलग हैं हरे पटाखे, शोर के साथ प्रदूषण भी फैलाते हैं कम, जानें कैसे पहचानें

Diwali 2023 and Green Crackers: पारंपरिक पटाखों में पाए जाने वाला हरा रंग, बेरियम कंपाउंड की वजह से होता है. लेकिन हरे पटाखों में ये नहीं होता है. हरे पटाखे पारंपरिक पटाखों से अलग होते हैं. ये शोर के साथ प्रदूषण भी कम फैलाते हैं.

Green Crackers
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST
  • ग्रीन पटाखों से होता है प्रदूषण कम 
  • पारंपरिक पटाखों से अलग हैं हरे पटाखे

प्रदूषण के कारण कई राज्यों ने दिवाली पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, कुछ शहरों ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ग्रीन क्रैकर्स में हानिकारक केमिकल नहीं होते हैं और इससे वायु प्रदूषण भी कम होता है. हालांकि, कम लोग जानते हैं कि आखिर ये ग्रीन पटाखे हैं क्या? 

क्या हैं ग्रीन पटाखे?

सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CSIR NEERI) ने ग्रीन पटाखों को ऐसे पटाखों के रूप में परिभाषित किया है, जो कम शेल शेप, बिना राख के और/या धूल वाले कण नहीं फैलाते हैं. पटाखों में बेरियम कंपाउंड होता है जिससे उनका रंग हरा होता है. ये बेरियम कंपाउंड एक मेटल ऑक्साइड है जो वायु और ध्वनि प्रदूषण में योगदान देता है. लेकिन ये ग्रीन पटाखों में नहीं होता है. 

ग्रीन पटाखों से होता है प्रदूषण कम 

दरअसल, सदियों से दिवाली पर पटाखे और दिये जलाए जाते हैं. लेकिन पिछले कई साल से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखे कम जलाए जा रहे हैं ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके. पर्यावरण के बारे में बढ़ती चिंताओं और वायु और ध्वनि प्रदूषण पर पारंपरिक पटाखों के प्रतिकूल प्रभावों के साथ, कई लोग अब पर्यावरण-अनुकूल और ध्वनि रहित दिवाली मनाते हैं. ऐसे में ग्रेन पटाखे उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो कार्बन एमिशन को कम करते हुए दिवाली का त्योहार मनाना चाहते हैं. 

कैसे अलग हैं हरे पटाखे?

पारंपरिक पटाखों में पाए जाने वाला हरा रंग, बेरियम कंपाउंड की वजह से होता है. लेकिन हरे पटाखों में ये नहीं होता है. पारंपरिक पटाखों में पाया जाने वाला धातु ऑक्साइड बेरियम न केवल हवा को प्रदूषित करता है बल्कि ध्वनि प्रदूषण में भी योगदान देता है. इसके विपरीत, हरे पटाखे जलाने से जल वाष्प निकलता है, जिससे धूल उत्सर्जन कम होता है. इसके अलावा, वे पारंपरिक पटाखों की तुलना में काफी कम ध्वनि प्रदूषण करते हैं. 

कैसे पहचानें कि ये हरे पटाखे हैं? 

हरे पटाखे पारम्परिक पटाखों से अलग होते हैं. इनकी पहचान करने के लिए CSIR NEERI और पीईएसओ ने बताया है कि इसमें हरा लोगो होता है. इस लोगो के साथ में एक क्यूआर कोड होता है. 

हरे पटाखे तीन तरह के होते हैं-

1. एसडब्ल्यूएएस (सेफ वॉटर रिलीजर): ये पटाखे धूल को कम करने के लिए हवा में जलवाष्प छोड़ते हैं, जिससे 30% कम पार्टिकल एमिशन होता है. इनमें सल्फर और पोटेशियम नाइट्रेट नहीं होता है. 

2. स्टार (सुरक्षित थर्माइट क्रैकर): स्टार पटाखों में कोई पोटेशियम नाइट्रेट या सल्फर नहीं होता है, ये कम कण उत्सर्जित (particulate matter) करते हैं, और कम शोर पैदा करते हैं.

3. सफल: न्यूनतम एल्यूमीनियम और ज्यादा मैग्नीशियम सामग्री के साथ, सफल पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम शोर करते हैं.

कैसे जलाएं हरे पटाखे?

हरे पटाखे सड़क विक्रेताओं के बजाय अधिकृत दुकानों से खरीदने की सलाह दी जाती है. हरे पटाखों को जलाते समय, एक लंबी मोमबत्ती या फुलझड़ी का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है. अपने और पटाखे के बीच के गैप को ज्यादा रखें. पटाखे से अपनी कोहनियों को सीधा रखते हुए एक हाथ की लंबाई की दूरी बनाए रखें. 
 

 

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