How To Identify Fake Medicines: 71 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल, कैसे पता करें कि आपकी दवा असली है या नकली?

सीडीएससीओ ने कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500 और एंटासिड पैन डी सहित चार दवाओं के चुनिंदा बैचों को नकली करार दिया और 49 दवाओं को खराब गुणवत्ता वाला बताया.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST
  • तय मानकों पर खरी नहीं उतरीं ये दवाएं
  • इन दवाओं के सैंपल हुए फेल

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में 71 दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल कर दिया है. इस लिस्ट में सीडीएससीओ ने कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500 और एंटासिड पैन डी सहित चार दवाओं के चुनिंदा बैचों को नकली करार दिया और 49 दवाओं को खराब गुणवत्ता वाला बताया. गौर करने वाली बात यह है कि इनमें वे दवाएं भी शामिल हैं, जिन्हें डॉक्टर्स आमतौर पर मरीजों को देते हैं. चिंता की बात ये है कि हर किसी के घर में मौजूद रहने वाली दवा पैरासिटामोल भी क्वालिटी टेस्ट पास नहीं कर पाई है. 

ऐसे में सवाल उठता है आप जो दवा खा रहे हैं वो असली है या नकली इसकी पहचान कैसे की जाए.

नकली दवाएं: ये ओरिजनल ब्रांड्स की नकल करने के लिए बनाई गई नकली दवाएं हैं, जिनमें अक्सर गलत या मिस एक्टिव  इंग्रीडिएंट्स होते हैं, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकते हैं. जैसे ग्लेनमार्क के टेल्मिसर्टन और सन फार्मा के पैंटोप्राजोल जैसी फेमस दवाओं की ब्रांड नकल शामिल है. इनके इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका होती है. नकली दवा बनाने वालों के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट एमेंडमेंट 2008 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

एनएसक्यू दवाएं: एनएसक्यू (मानक गुणवत्ता में फेल) दवाएं नियामक गुणवत्ता जांच में फेल हो जाती हैं, जो अक्सर गलत खुराक, खराब विघटन दर या गलत लेबलिंग जैसे मुद्दों के कारण होती हैं. हालांकि एनएसक्यू दवाएं हमेशा तुरंत नुकसान नहीं पहुंचाती हैं, लेकिन एनएसक्यू दवाएं आपकी सेहत को देर सबेर खराब जरूर कर सकती हैं.

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  • सीडीएससीओ नियमित रूप से एनएसक्यू और नकली दवाओं की एक लिस्ट जारी करता है, जिसमें उन दवाओं की डिटेल होता है जो क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई हैं. ऐसे में दवा खरीदने से पहले ये लिस्ट देखें.

  • कस्टमर्स को दवा खरीदने से पहले ये लिस्ट देखनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जो आप खरीद रहे हैं वो आपके लिए सेफ है या नहीं. अपनी दवा के नाम, बैच और मैन्यूफैक्चर की डिटेल सीडीएससीओ की ऑफिशियल रिपोर्ट देख सकते हैं.

  • जिन दवाओं की एक्सपाइरी डेट नजदीक आ चुकी है, उन्हें भूलकर भी न खरीदें, अगर दवाओं को सही ढंग से स्टोर नहीं किया गया हो तो वो खराब हो सकती हैं.

  • अगर कोई दवा जरूरत से ज्यादा डिस्काउंट पर मिल रही है तो उसे खरीदने से बचें क्योंकि हो सकता है ये नकली हो. कई दुकानदार दवाओं को थोक में खरीद लेते हैं, और जब उनकी एक्सपाइरी डेट में तीन महीने बचते हैं तो उनको भारी डिस्काउंट पर बेचते हैं.

  • ओरिजनल दवाएं अक्सर हाई क्वालिटी वाली पैकेजिंग, लेबलिंग और होलोग्राम के साथ आती हैं. छेड़छाड़, स्पैलिंग की गलतियां, या लो क्वालिटी वाली प्रिंटिंग को इग्नोर न करें. ये नकली होने का संकेत है.

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