क्या आप उन लोगों में से हैं जिन्हें गुस्से के कारण चीजों को इधर-उधर फेंकने या रोड पर लगातार हॉर्न बजाने और चिल्लाने की आदत है? आपको शायद अंदाजा नहीं होगा लेकिन आपकी यह आदत आप पर भारी पड़ सकती है. जी हां, अचानक बहुत ज्यादा गुस्सा करने के कारण आपको हार्ट अटैक आ सकता है. कुछ स्टडीज में दिल के दौरे की घटनाओं और अत्याधिक गुस्से के बीच संबंध मिला है, जिसमें कहा गया है कि हद से ज्यादा इमोशन दो घंटे के भीतर हार्ट वेसल्स को संकुचित करके और ब्लड प्रेशर को प्रभावित करके रिस्क बढ़ा देते हैं. आपका आउटबर्स्ट जितना गंभीर या बार-बार होगा, समय के साथ दिल के स्वास्थ्य के लिए रिस्क उतना ही ज्यादा होगा.
गुस्सा भी तनाव का ही एक रूप है, जो आपको स्ट्रेस में खाना खाना या नींद सही से न आने जैसी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आदतों की ओर ले जा सकता है, और इससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है.
गुस्सा है दिल के लिए रिस्की
गुस्सा एड्रेनालाईन, एपिनेफ्रिन और कोर्टिसोल जैसे कुछ स्ट्रेस हार्मोनों के हाई लेवल को जारी करता है. ये हार्मोन पहले हार्ट रेट और फिर रक्तचाप (बीपी) बढ़ाते हैं. इन हार्मोन्स का लेवल बढ़ने से सिरदर्द, पसीना आना, दिल की तेज़ धड़कन, सीने में दर्द और चिंता जैसी चीजें हो सकती हैं. अब ऐसे में अग अंडरलाइंग आर्टरीज हेल्दी नहीं हैं या आर्टरीज पहले से ही ब्लॉक हैं, तो इन स्थितियों के कारण दिल पर पड़ने वाला स्ट्रेस प्लाक को तोड़ सकता है, और ब्लड क्लॉटिंग का कारण बन सकता है.
इससे ब्लड फ्लो रूक सकता है और इससे हार्ट अटैक हो सकता है. अतिरिक्त एड्रेनालाईन दिल को ब्लड की सप्लाई करने वाली छोटी आर्टरीज को संकीर्ण कर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो टेम्पररी तौर पर कम हो सकता है.
कभी-कभी, अतिरिक्त एड्रेनालाईन सीधे हार्ट सेल्स से जुड़ सकता है, जिससे बड़ी मात्रा में कैल्शियम सेल्स में आ जाता है. इससे दिल के नियमित तौर पर धड़कने में समस्या आती है. दिल हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं. इसे ही हम स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी (Stress Cardiomyopathy) कहते हैं.
किसे है एंगर मैनेजमेंट की जरूरत
क्रोध प्रबंधन (Anger Management) उन लोगों के लिए जरूरी है जो कोमोरबिडिटी (एक साथ कई गंभीर बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह) से पीड़ित हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही दिल से संबंधी ट्रीटमेंट या बाईपास सर्जरी करा चुके हैं.
ऐसे में, गुस्से को मैनेज करने के लिए योग और ध्यान करने की आदत डालें. ये दोनों आपके दिमाग को शांत करने और सहज व्यवहार रखने में मदद कर सकते हैं. सबसे अच्छा तरीका यह सीखना है कि गुस्से से कैसे निपटें. बस दस से उलटी गिनती करें और खुद को शांत कर लें. प्राणायाम जैसी गहरी सांस लेने की तकनीक आपको तुरंत आराम दे सकती है और आपके दिल की धड़कन को धीमा कर सकती है.
इसके अलावा, अगर आपका गुस्सा फूटने की संभावना ज्यादा रहती है, तो आपको दिल के दौरे के दूसरे सभी रिस्क फैक्टर्स को कंट्रोल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. कुछ रिसर्चर्स ने पाया कि स्वस्थ लोग, जो अक्सर गुस्से में होते हैं, उनमें शांत रहने वाले लोगों की तुलना में दिल की बीमारी होने की संभावना 19% ज्यादा होती है.
याद रखें कि आप जिस किसी पर भी अपना गुस्सा निकाल रहे हैं, वह आपके गुस्से से प्रभावित नहीं हो सकता है. लेकिन हो सकता है कि आप खुद को नुकसान पहुंचा रहे हों. यह भी जान लें कि आपका गुस्सा उस समस्या का समाधान नहीं कर सकता है जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है, बल्कि इससे आप दुसरों को उकसाते हैं. अगर आप खुद पर काबू नहीं कर सकते हैं तो आपको काउंसलिंग के लिए जाना चाहिए.