इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(ICMR) ने सोमवार यानी आज भारत में टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)मरीजों के लिए गाइडलाइन जारी की है. यह पहली बार है जब आईसीएमआर ने टाइप 1 के लिए गाइडलाइन जारी की है, हालांकि, इससे पहले टाइप 2 डायबिटीज के लिए गाइडलाइंस जारी की गई थी.
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने टाइप 1 मधुमेह के प्रबंधन के लिए यह गाइडलाइन जारी की है. यह गाइडलाइन ऐसे समय में आई है जब कोरोना महामारी ने डायबिटीज से पीड़ित लोगों को असमान रूप से प्रभावित किया है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा. कई लोगों की तो इसके कारण मौत भी हुई.
डायबिटीज से पीड़ित हर छठा व्यक्ति एक भारतीय
दुनिया में भारत ऐसा दूसरा सबसे बड़ा देश है, जहां युवाओं में डायबिटीज की बीमारी ज्यादा है. इतना ही नहीं दुनिया में डायबिटीज यानी मधुमेह से पीड़ित हर छठा व्यक्ति एक भारतीय है.
क्या कहती है आईसीएमआर की गाइडलाइन
1- भारत में टाइप 1 डायबिटीज के सबसे ज्यादा मामले : आईसीएमआर ने गाइडलाइन में कहा कि दुनिया में दस लाख से ज्यादा बच्चों और किशोरों को टाइप 1 डायबिटीज है, और इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के हालिया अनुमान बताते हैं कि भारत में दुनिया में टाइप 1 डायबिटीज के सबसे अधिक मामले हैं.
2- पीड़ित लोगों की संख्या में 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी : आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन दशकों में देश में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या में 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, प्री-डायबिटीज का बढ़ता प्रचलन भविष्य में डायबिटीज में और वृद्धि का संकेत देता है.
3- समाज के वंचित वर्गों तक पहुंचा डायबिटीज : आईसीएमआर ने दिशानिर्देशों में कहा कि भारत में डायबिटीज उच्च से मध्यम आय वर्ग और समाज के वंचित वर्गों तक पहुंच गया है. विश्व स्तर पर 2019 में इसके कारण चार मिलियन से अधिक मौतें हुईं.
4- डायबिटीज बन रहा कई बीमारियों का कारण : यह अंतिम चरण के गुर्दे की बीमारी, शुरुआती अंधेपन और हृदय रोगों का प्रमुख कारण बन रहा है. पूरे देश में जटिलताओं और मौतों से जुड़ी डायबिटीज की व्यापकता में काफी विविधता थी.
"ICMR की टाइप 1 डायबिटीज गाइडलाइन बच्चों, किशोरों और वयस्कों में डायबिटीज की देखभाल पर सलाह देने का एक व्यापक दस्तावेज है. इस गाइडलाइन के सभी अध्यायों को हाल के दिनों में हुई रिसर्च के बाद बनाया गया है".
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