आईसीएमआर का दावा! कोविड टीके की दूसरी खुराक के नौ महीने बाद लग सकती है बूस्टर डोज

हाल के एक अध्ययन में, आईसीएमआर वैज्ञानिकों की एक टीम ने डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावकारिता में कमी को देखते हुए कोविशील्ड को कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर शॉट के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया है.

कोविड टीके की दूसरी खुराक के नौ महीने बाद लगवा सकते हैं बूस्टर डोज
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST
  • अध्ययन ने कोविशिल्ड को बताया असरदार
  • 'नए वेरिएंट के बारे में दहशत ना फैलाएं'- आईसीएमआर प्रमुख
  • देश में 36 जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाएं हैं

डेल्टा वेरिएंट का कहर अभी खत्म हुआ ही था, कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने सबकी नींद उड़ा दी हैं. इस सब के बीच कोरोना का टीकाकरण ही एकमात्र उपाय के रूप में नजर आ रहा है. एक ओर जहां भारत भर में पूरी आबादी को कोरोना टीकों की दूसरी खुराक देने के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने सूचित किया है कि पूर्ण टीकाकरण के नौ महीने बाद कोविड की बूस्टर डोज ली जा सकती है.

कल दोपहर ढाई बजे होगी समीक्षा बैठक
आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव एक संसदीय समिति के समक्ष ये दावा किया है कि कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक देने के नौ महीने बाद बूस्टर शॉट दिया जा सकता है. कैबिनेट सचिवालय कल दोपहर 2.30 बजे ओमिक्रॉन स्ट्रेन, कोविड टीके और वर्तमान कोविड स्थिति की समीक्षा करेगा. 

अध्ययन ने कोविशिल्ड को बाताया असरदायक
हाल के एक अध्ययन में, आईसीएमआर वैज्ञानिकों की एक टीम ने डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावकारिता में कमी को देखते हुए कोविशील्ड को कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर शॉट के रूप में उपयोग करने का सुझाव दिया है. उस अध्ययन में लिखा हुआ है कि, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि कोविशील्ड वैक्सीन डेल्टा डेरिवेटिव को बेअसर करने और सफलता के मामलों में गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में सक्षम थी. कोविड-19 टीकों की बूस्टर खुराक उभरते SARS-CoV-2 वेरिएंट के खिलाफ लड़ने के लिए एक सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रदान करेगी.

'नए वेरिएंट के बारे में दहशत ना फैलाएं'
इससे पहले भारत में ओमिक्रॉन संस्करण के प्रसार पर एक संवाददाता सम्मेलन में, बलराम भार्गव ने मीडियाकर्मियों से कहा था कि वो ओमिक्रॉन संस्करण के बारे में दहशत न फैलाने में मदद करें. उन्होंने कहा था, "ओमिक्रॉन स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर कोई खास प्रभाव नहीं डाल रहा है." इलाज के तरीकों पर भार्गव ने कहा, 'इलाज में कोई बदलाव नहीं है, नियमित बैठक और वैज्ञानिक साक्ष्य मांगे जा रहे हैं.'

टीकाकरण पर बोले स्वास्थ्य मंत्री
इस बीच, बूस्टर खुराक पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, "देश में हमारे पास दो विशेषज्ञों के समूह हैं, जो हमें टीकाकरण पर सलाह देते हैं. हम टीकाकरण और अन्य संबंधित मुद्दों पर विशेषज्ञ समूह से सलाह लेते हैं." भारत के टीकाकरण अभियान पर, उन्होंने कहा, "पहली खुराक का 86% पहले ही दिया जा चुका है, जो एक रिकॉर्ड है. इसके अलावा लगभग 7 करोड़ खुराक अभी भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास स्टॉक में पड़ी हुई है." नए कोविड वेरिएंट पर टीकों के प्रभाव पर, उन्होंने कहा, "50 से अधिक देशों में इस नए वेरिएंट की सूचना मिली है और नए वेरिएंट के खिलाफ टीके के प्रभाव की समीक्षा के लिए अध्ययन चल रहा है. हमारे पास देश में 36 जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाएं हैं जहां पर हम 36,000 जीनोम अनुक्रमण कर सकते हैं."
 

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