कहते हैं कि दुनिया की सभी मांएं एक जैसी होती है क्योंकि हर मां अपने बच्चों को खाने-पीने के मामले में एक ही चीज बोलती है- घर का खाना खाओ, घर का खाना हेल्दी होता है. लेकिन क्या वाकई घर का खाना हर बार हेल्दी होता है? शायद नहीं... जी हां, ICMR की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बहुत बार घर का खाना भी हमारे लिए अच्छा नहीं होता है.
इस तरह का खाना है सेहत के लिए नुकसानदायक
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा खाना जिसमें बहुत ज्यादा शुगर, फैट या नमक हो, वह चाहे घर पर बनाया गया हो लेकिन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है. आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार, हाई फैट और शुगर वाले खाने में कैलोरीज ज्यादा मात्रा में होती हैं और इन खाद्य पदार्थों के नियमित सेवन से मोटापा और ज्यादा वजन होने के साथ-साथ प्रोटीन, विटामिन और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जो आपको फिट रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
बीमारियां बढ़ाते हैं इस तरह के खाने
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बहुत से लोग अपने खाने को दिखने और खाने में स्वादिष्ट बनाने के लिए तेल, मक्खन, चीनी या मसालों का थोड़ा ज्यादा उपयोग कर रहे होंगे. इसी तरह, भटूरे, पूरी या कोफ्ते जैसे डीप फ्राइड व्यंजन - विभिन्न प्रकार की दिल की बीमारी, वजन संबंधी समस्याएं और यहां तक कि टाइप 2 डायबिटीज का कारण बनते हैं. कई लोग भोजन तैयार करने के लिए अदरक-लहसुन पेस्ट या टमाटर प्यूरी जैसे प्रोसेस्ड मसालों का भी बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं. इन प्रोडक्ट्स में अक्सर हानिकारक प्रिजर्वेटिव और फूड कलर्स होते हैं.
इस सबके अलावा खाने को ज्यादा पकाने से भी दिक्कत हो सकती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खाने को हाई फ्लेम पर जरूर से ज्यादा पकाने से जरूरी पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं. एक परेशानी है खाने का पोर्शन साइज. जरूरत से ज्यादा कैलोरीज का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म कम होने लगता है. इससे पाचन से जुड़ी समस्याएं होती हैं और पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
सलाद या फल न खाना
सबसे परेशानी वाली और आम बात आती है कि हम कई फूड ग्रुप्स को खाने में शामिल ही नहीं करते हैं. जैसे फल, सलाद, प्रोटीन स्रोत (जैसे मांस, फलियां और मेवे), डेयरी, और फैट और तेल शामिल हैं. अगर आप लंच में सिर्फ राजमा-चावल खा रहे हैं तो यह पूरा खाना नहीं है. आपके लंच में फाइबर के लिए सलाद कहां है? या प्रोबायोटिक के रूप में रायता? या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के लिए हरी चटनी?
सही खाने की थाली में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और फाइबर के बीच संतुलन होना चाहिए. सिर्फ रोटी या चावल और बस एक सब्जी खाना गलत तरीका है. भारतीय खाने की संस्कृति भी संतुलित भोजन को बढ़ावा देती है - जैसे उत्तर भारत में दोपहर के भोजन के लिए रोटी/चावल, दाल, सब्जी, रायता और अचार, या दक्षिण में उबले हुए चावल, सांबर, रसम, अवियल (मिश्रित सब्जी करी), दही, और पापड़. लेकिन हमारी बिजी लाइफस्टाइल हमारे खाने के पारंपरिक तरीकों को बदल दिया है और हमारी थाली से कई फूड ग्रुप गायब हैं.
कैसे रखें घर के खाने को बनाए हेल्दी
सबसे पहले, देखें कि आप क्या खा रहे हैं. यह देखें कि आपको अलग-अलग खानों से सभी जरूरी पोषण मिल रहा है या नहीं. वैरायटी पर ध्यान देना जरूरी है.