Newborn Health Insurance: इस डॉक्टर की पहल से आया बड़ा बदलाव, अब नवजात शिशु भी होते हैं हेल्थ बीमा में कवर, मिलेगा अवॉर्ड

बंगलुरु के इस डॉक्टर की एक पहल ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया. इस डॉक्टर की वजह से अब नवजात शिशुओं को जन्म के पहले दिन से Health Insurance में कवर किया जाता है.

Dr. Prashanth Urs
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 14 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत उर्स को नवजात शिशु बीमा की शुरुआत पर उनके काम के लिए IMA, बैंगलोर ब्रांच डॉ. बीसी रॉय डॉक्टर्स डे अवार्ड से सम्मानित कर रही है. डॉ. उर्स का कहना है कि शिशुओं को पहले 90 दिन की उम्र तक हेल्थ बीमा में कवर नहीं किया जाता था. इसलिए, कई माता-पिता आईसीयू में भर्ती बच्चों का इलाज नहीं करा पाते हैं क्योंकि उनके पास पैसे नहीं होते. 

नेशनल नियोनेटोलॉजी फोरम के सदस्य के रूप में, उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय, और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) सहित अन्य को पत्र लिखकर कहा कि नवजात शिशुओं को कवरेज मिलना चाहिए क्योंकि वे जन्म से देश के नागरिक बन जाते हैं.

2016 से नवजात शिशुओं का होता है बीमा
IRDAI ने 2016 से बीमा के लिए नवजात अवधि को फिर से परिभाषित किया, और लगभग सात बीमा कंपनियां अब इस केटेगरी को कवर करती हैं. इस फरवरी में, IRDAI ने एक सर्कुलर जारी कर ज्यादा कंपनियों से जन्मजात बीमारियों को कवर करने के साथ-साथ जन्म के पहले दिन से ही शिशुओं को हेल्थ बीमा में कवर करने के लिए कहा.

डॉ. उर्स के साथ, बेंगलुरु के पांच अन्य डॉक्टरों को आईएमए सम्मानित करने जा रहा है, जिन्हें 28 डॉक्टर्स में से चुना गया है. इनमें इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी साइंसेज एंड ऑर्गन ट्रांसप्लांट के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर एन एस नागेश शामिल हैं; राजा राजेश्वरी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ नवीन एस; फैमिली फिजिशियन डॉ. अनुराधा परमेश; सर्जन डॉ. के. रामदेव; और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ के श्रीनिवास शामिल हैं. 

 

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