मेडिकल साइंस का चमत्कार! एक ही बच्चे का दो बार हुआ जन्म...जानिए कैसे हुआ ये करिश्मा

इस रेयर सर्जरी में 5 घंटे लगे. गर्भाशय को बाहर निकालते वक्त उसे गर्म सलाइन पैक में लपेटा गया, जिससे बच्चे का तापमान सुरक्षित बना रहे. डॉक्टर हर 20 मिनट में हर 20 मिनट में सलाइन पैक बदल रहे थे.

Baby Born Twice
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST
  • गर्भाशय को अस्थायी रूप से बाहर निकाला गया
  • गर्भाशय को बाहर निकालकर किया गया इलाज

इंसानों की सबसे बड़ी दौलत क्या है? ज्यादातर लोगों का जवाब होगा सेहत. और जब ये सेहत मुश्किल में पड़ती है, तब उम्मीद की किरण बनकर सामने आता है. मेडिकल साइंस. मेडिकल साइंस की वजह से एक बार फिर एक गर्भवती महिला की जान बचाई जा सकी है.

एक ही बच्चे का जन्म दो बार हुआ
दरअसल ऑक्सफोर्ड की टीचर लूसी आइजैक ने ऐसे बच्चे को जन्म दिया है जिसे डॉक्टरों ने गर्भ से निकालकर सर्जरी के बाद वापस मां के पेट में डाला था. यह दुर्लभ मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है. ये अपनी तरह की पहली सक्सेसफुल सर्जरी है.

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को हुआ ओवरियन कैंसर
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में लूसी को ओवरियन कैंसर का पता चला. डॉक्टरों ने महिला से कहा कि अगर कैंसर का इलाज डिलीवरी के बाद किया गया तो कैंसर पूरे शरीर में फैल सकता है और लूसी की जान को खतरा हो सकता है. डॉक्टरों को इमरजेंसी में सर्जरी करनी पड़ी. 

दो घंटे तक womb शरीर के बाहर रहा 
इस दौरान डॉक्टर्स ने लूसी के गर्भाशय को उनके शरीर से अस्थायी रूप से बाहर निकालकर कैंसर का ऑपरेशन किया. 15 लोगों की टीम हर सेकंड की निगरानी कर रही थी. दो घंटे तक womb शरीर के बाहर रहा और फिर, उसे वापस उसी जगह पर स्थापित कर दिया गया. सर्जरी के बाद बच्चा पूरे नौ महीने के बाद पूरी तरह स्वस्थ पैदा हुआ.

सर्जरी में लगे 5 घंटे
इस रेयर सर्जरी में 5 घंटे लगे. गर्भाशय को बाहर निकालते वक्त उसे गर्म सलाइन पैक में लपेटा गया, जिससे बच्चे का तापमान सुरक्षित बना रहे. डॉक्टर हर 20 मिनट में हर 20 मिनट में सलाइन पैक बदल रहे थे. सर्जरी के बाद लूसी की प्रेग्नेंसी नॉर्मल थी और जनवरी के आखिर में उसने एक लड़के को जन्म दिया. चूंकि बच्चे को एक बार गर्भ से बाहर निकाला जा चुका था और फिर से वापस रखा गया, इसलिए बच्चे को लोग दो बार जन्म लेने वाला बच्चा कह रहे हैं.

आपको बता दें, हर साल यूके में करीब 7,000 महिलाएं ओवरी कैंसर से ग्रसित पाई जाती हैं. हर साल 4,000 से ज्यादा महिलाओं की मौत इस बीमारी से होती है. इनमें से दो-तिहाई की पहचान देर से होती है. भारत में भी आंकड़ा कुछ इसी तरह का है. 

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