देश के जाने-माने गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और एआईजी हॉस्पिटल्स (एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) हैदराबाद के अध्यक्ष डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी को पद्म विभूषण पुरस्कार के लिए चुना गया है. वह तीनों पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वाले भारत के पहले डॉक्टर बन गए. उन्हें 2002 में पद्म श्री, 2016 में पद्म भूषण और अब 2025 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. ये पुरस्कार उन्हें गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया हैं.
कौन हैं डॉ. रेड्डी
डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के विशाखापटन्म में हुआ था. उन्होंने पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में डॉक्टरेट पूरा किया और उस समय एक नई ब्रांच गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी में एक्स्पर्टीज हासिल की. उन्होंने हैदराबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एआईजी हॉस्पिटल्स की स्थापना की. ये अस्पताल आज गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, जीआई एंडोस्कोपी और हेपाटोलॉजी के लिए वर्ल्ड क्लास सुविधाएं प्रदान करता है.
40 से ज्यादा मेडिकल विशेषताओं के साथ, ये कठिन बीमारियों और डिसऑर्डर के इलाज के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है. डॉ. रेड्डी ने 1 हजार से ज्यादा रिसर्च पेपर लिखे और वर्ल्ड के प्रमुख मेडिकल सम्मेलनों में मुख्य स्पीकर के रूप में हिस्सा लिया. उन्हें वर्ल्ड गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ऑर्गनाइजेशन अवार्ड और रुडोल्फ वी. शिंडलर अवार्ड जैसे कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी मिले हैं.
पुरस्कार को टीम और मरीजों को समर्पित किया
पुरस्कार मिलने के बाद डॉ. रेड्डी ने कहा, ये सिर्फ मेरी अपनी उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारतीय मेडिकल के जज्बे और हमारे देश की हेल्थ के सेवाओं में अपार संभावनाओं का सम्मान है. उन्होंने आगे कहा मरीजों की देखभाल हमेशा मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है. ये पुरस्कार मैं उन सभी मरीजों और अपनी टीम को समर्पित करता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया.
मुफ्त मेडिकल कैंप और कोविड-19 में योगदान
डॉ. रेड्डी की देखरेख में एआईजी हॉस्पिटल्स ने कई मुफ्त मेडिकल कैंप, रिसर्च प्रोजैक्ट और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए, जिनसे हजारों गरीब मरीजों को लाभ मिला. कोविड-19 महामारी के दौरान, डॉ. रेड्डी और उनकी टीम ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों के मैनेजमेंट के लिए खास प्रोटोकॉल तैयार किए और महामारी के खिलाफ लड़ाई में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
स्वास्थ्य सेवा में भारतीय परंपरा का सम्मान
डॉ. रेड्डी ने पुरस्कार लेते वक्त भारतीय हेल्थ सेवा और भारतीय परंपरा की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक गर्वित भारतीय और तेलुगू माटी के बेटे हैं. वह अपने देशवासियों के हेल्थ और कल्याण के लिए पूरे तरह से समर्पित हूं. ये सम्मान उनके इस संकल्प को और मजबूत करता है कि वह अपने देश और इसके नागरिकों के लिए और ज्यादा योगदान दूं. डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी का जीवन और काम भारतीय मेडिकल के गौरव को दिखाता है. उनका योगदान न केवल मेडिकल के फील्ड में बल्कि मानवता की सेवा में भी प्रेरणादायक है.