सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में चौथा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. वहीं भारत में यह महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) के पुराने संक्रमण की वजह से होता है. एचपीवी यौन संचारित वायरस है. सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में पनपता है, गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का सबसे निचला हिस्सा है. लेकिन राहत की बात ये है कि टीकाकरण कराकर इस वायरस को रोका जा सकता है. अगर 9-14 साल के बीच यौन संपर्क से पहले लड़कियों को टीका लगा दिया जाए तो इस टीके से सर्वाइकल कैंसर को रोकने में 99% कामयाबी मिल सकती है. ये वैक्सीन जननांग के कैंसर के साथ दूसरे कैंसर जैसे गुदा, योनि, ऑरोफरीन्जियल कैंसर के साथ-साथ सिर और गर्दन के कुछ कैंसर से भी निजात दिलाती है.
रिसर्च से पता चला है कि एचपीवी के टीके हाइएस्ट एचपीवी वायरस की वजह से होने वाले सर्वाइकल कैंसर को रोकने में लगभग 100 प्रतिशत प्रभावी हैं. ये टीके वुल्वर और योनि कैंसर से भी निजात दिलाते हैं.
इस बीच, सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित टीका, CERVAVAC, इस साल के अंत में उपलब्ध होने के लिए तैयार है, इस टीके के एक शॉट की कीमत ₹200-400 है. CERVAVAC वैक्सीन मानव पैपिलोमा वायरस (HPV) के कम से कम चार तरह के कैंसर के खिलाफ प्रभावी होगा.
भारत में इतनी महिलाएं सवाइकल कैंसर से लड़ रही हैं
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल लगभग 1,20,000 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है और हर साल लगभग 67,000 महिलाओं की इस बीमारी से मौत हो जाती है. भारत में लगभग 400 बिलियन महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 15 साल और उससे ज्यादा है.
सर्वाइकल कैंसर क्या है, इसके लक्षण क्या हैं?
सर्वाइकल कैंसर एक तरह का कैंसर है जो सर्विक्स की कोशिकाओं में होता है. सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस के पुराने संक्रमण के कारण होता है ये एक यौन संचारित वायरस है.
"ह्यूमन पेपिलोमावायरस वायरस लगभग सौ अलग-अलग तरह के होते हैं लेकिन केवल कुछ ही एचपीवी 16 और एचपीवी 18 जैसे सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं. सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिला को असामान्य या अनियमित रक्तस्राव की शिकायत होता है ये रक्तस्राव पीरियड्स के बाद या सेक्स के बाद होता है. डॉ के मुताबिक सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं को इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा होता है.
भारत की नई सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन के बारे में जानिए
सर्वाइकल कैंसर के लिए तीन तरह के टीके उपलब्ध हैं - Cervarix, gardasil और Gardasil 9. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही अपना खुद का वैक्सीन Cervavac बना रहा है और इसे इस साल के अंत तक सरकार से मंजूरी मिल सकती है.
"भारतीय वैक्सीन अपनी बहुत कम लागत की वजह से सर्वाइकल कैंसर को कम करने के लिए एक गेम चेंजर बनने जा रहा है. 6 महीने में दो खुराक 9-14 आयु वर्ग को दी जाएंगी जबकि तीन खुराक (0, 1- 2, 6 महीने) पर 15-26 आयु वर्ग में दी जाएंगी.
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम
- पपनिकोलाउ (पीएपी) की नियमित जांच कराकर- यह एक ऐसा टेस्ट है जिसमें डॉक्टर आंतरिक जांच करता है और परीक्षण के लिए गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं को निकालता है. अगर गर्भाशय ग्रीवा में ये कोशिकाएं कैंसर के स्टेज में नहीं दिखती हैं तो सर्वाइकल कैंसर के आगे बढ़ने से पहले प्री-कैंसर स्टेज का इलाज किया जा सकता है.
- सर्वाइकल कैंसर का टीका लगवाना: सर्वाइकल कैंसर के टीके ह्यूमन पैपिलोमावायरस के सभी तरह के संक्रमण से बचाते हैं, जो आमतौर पर कैंसर की तरफ ले जाता है. ये टीके केवल एचपीवी संक्रमण को रोकने के लिए काम कर सकते हैं.