Cancer Cases in India: भारत में कैंसर की वजह से 9.3 लाख मौतें, स्मोकिंग, शराब का सेवन और प्रदूषण कैंसर के मुख्य कारणों मे से एक: STUDY

रिसर्च में पाया गया कि एशिया में सबसे ज्यादा श्वास नली, ब्रोन्कस और फेफड़े (टीबीएल) का कैंसर के केस मौजूद हैं, रिसर्च यह भी सामने आया कि कैंसर की बीमारी पुरुषों में सबसे अधिक और महिलाओं में तीसरी सबसे अधिक होने वाली बीमारी है.

Cancer
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST
  • कैंसर पुरुषों में सबसे ज्यादा
  • धुआं रहित तंबाकू कैंसर के लिए जिम्मेदार

भारत में साल 2019 में कैंसर की वजह से 9.3 लाख लोगों ने जान गंवाई थी. इसी साल करीब 12 लाख नए कैंसर के मामले दर्ज किए गए. इसी के साथ कैंसर से होने वाली मौतों में चीन और जापान के साथ भारत एशिया के टॉप 3 देशों में शामिल हो गया. शोधकर्ताओं का कहना है कि कैंसर, पब्लिक हेल्थ के लिए खतरा बन चुका है और यह काफी चिंताजनक है.

कैंसर से सबसे ज्यादा मौत चीन में
शोधकर्ताओं ने पाया कि 2019 में इन तीनों देश को मिलाकर कुल 94 लाख नए मरीज और 56 लाख लोगों की कैंसर से मौत हुई है. सबसे ज्यादा चीन में 48 लाख नए मामले आए और 27 लाख मौतें हुई थीं. जापान में लगभग 9 लाख नए मामले और 4.4 लाख मौतें दर्ज की गईं. अध्ययन के निष्कर्ष द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.

कैंसर पुरुषों में सबसे ज्यादा
टीम ने ग्लोबल बर्डन ऑफ डिसीज, इंजरीज एंड रिस्क फैक्टर्स 2019 स्टडी (GBD 2019) के अनुमानों का इस्तेमाल करके 1990 और 2019 के बीच 49 एशियाई देशों में 29 तरह के कैंसर के पैटर्न की जांच की. रिसर्च में पाया गया कि एशिया में सबसे ज्यादा श्वास नली, ब्रोन्कस और फेफड़े (टीबीएल) का कैंसर के केस मौजूद हैं, रिसर्च यह भी सामने आया कि कैंसर की बीमारी पुरुषों में सबसे अधिक और महिलाओं में तीसरी सबसे अधिक होने वाली बीमारी है.

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर सबसे आम
खासतौर पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर कई एशियाई देशों में दूसरे या टॉप 5 कैंसरों में से एक है. शोधकर्ताओं ने कहा कि 2006 में पेश किया गया ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) टीका बीमारी को रोकने और एचपीवी से संबंधित मौतों को कम करने में प्रभावी साबित हुआ है. टीबीएल, ब्रेस्ट, कोलन और रैक्टम कैंसर (सीआरसी), पेट और स्किन कैंसर 2019 में शीर्ष पांच सबसे ज्यादा होने वाले कैंसर में से थे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्मोकिंग, शराब का सेवन और प्रदूषण भी कैंसर के 34 कारणों में से एक है. एशिया में बढ़ता वायु प्रदूषण भी इसके लिए जिम्मेदार है.

धुआं रहित तंबाकू कैंसर के लिए जिम्मेदार
भारत, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में खैनी, गुटखा, पान मसाला जैसे धुआं रहित तंबाकू का इस्तेमाल भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. तंबाकू के सेवन की वजह से ही होंठ और मुंह के कैंसर के 28.1% मामले अकेले भारत में दर्ज हुए. ओरल कैंसर के 50% से ज्यादा मामलों के लिए धुआं रहित तंबाकू जिम्मेदार है.

 

Read more!

RECOMMENDED