भारत में Omicron के मामले बढ़ेंगे लेकिन लक्षण मामूली होंगे, वैक्सीनेशन से मिलेगी मदद 

डॉ. कोएत्जी ने कहा, ‘‘भारत में ओमिक्रॉन के कारण कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी होगी और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होंगे, लेकिन अधिकतर मामलों में लक्षण मामूली रहने की उम्मीद है, जैसा कि हम दक्षिण अफ्रीका में देख रहे हैं.’’

भारत में ओमिक्रॉन के मामले
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 25 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST
  • आने वाले दिनों में यह महामारी ‘एंडेमिक’ बन जाएगी.
  • बच्चे भी इससे संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन वो पांच से छह दिन में ठीक हो रहे हैं.

भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के कारण संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी दिखेगी, लेकिन अधिकतर लोगों में इसके मामूली लक्षण दिखेंगे. दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन का सबसे पहले पता लगाने वाली डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ( Dr Angelique Coetzee) का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप के कारण संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी तो दिखेगी, लेकिन अधिकतर लोगों में मामूली लक्षण दिखने की ही उम्मीद है, जैसा कि दक्षिण अफ्रीका में देखा जा रहा है. 

साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने यह भी कहा कि मौजूदा टीकों से महामारी को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी, लेकिन टीकाकरण नहीं कराने वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा है. डॉक्टर कोएत्जी ने कहा कि मौजूदा टीकों से ओमिक्रॉन वेरिएंट को फैलने से रोकने में काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का टीकाकरण हो चुका है या जो व्यक्ति पहले भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है, तो उनसे यह संक्रमण कम लोगों को फैलेगा. वहीं दूसरी ओर टीकाकरण नहीं कराने वाले लोग वायरस को ज्यादा तेजी से  फैलाएंगे. 

महामारी का जल्द खत्म होना मुश्किल

डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा, ‘‘मौजूदा टीकों से संक्रमण को कम करने में काफी मदद मिलेगी. अगर आपका टीकाकरण हो चुका है या आप पहले भी संक्रमित हो चुके हैं, तो आप केवल एक तिहाई संक्रमण फैलाएंगे. वहीं दूसरी ओर टीकाकरण नहीं कराने वाले लोग संभवत: शत प्रतिशत संक्रमण फैलाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और आने वाले दिनों में यह ‘एंडेमिक’ (स्थानीय स्तर पर फैलने वाला संक्रमण) बन जाएगी. डॉ. कोएत्जी ने कुछ विशेषज्ञों की इस राय से असहमति जताई कि कोरोना वायरस का अपेक्षाकृत कमजोर वेरिएंट ओमिक्रॉन के आने के साथ ही कोविड-19 महामारी खत्म होने वाली है. डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा नहीं लगता. मेरा मानना है कि इस महामारी का जल्दी खत्म होना मुश्किल होगा.  मुझे लगता है कि यह अब स्थानीय स्तर पर फैलने वाला संक्रमण बनेगा. ’’

भारत में ओमिक्रॉन के मामलों में बढ़ोतरी

भारत में शनिवार तक ओमिक्रॉन के कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 115 लोग ठीक हो चुके हैं या बाहर चले गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा 108 मामले महाराष्ट्र में सामने आए है. दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34 और कर्नाटक में 31 मामले सामने आए हैं. 
डॉ. कोएत्जी ने कहा, ‘‘भारत में ओमिक्रॉन के कारण कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी होगी और बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होंगे, लेकिन अधिकतर मामलों में लक्षण मामूली रहने की उम्मीद है, जैसा कि हम दक्षिण अफ्रीका में देख रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन बच्चों को भी संक्रमित कर रहा है. 

डॉ. कोएत्जी ने कहा, ‘‘अभी ओमिक्रॉन खतरनाक नहीं है. यह उच्च संक्रमण दर के साथ तेजी से फैल रहा है, लेकिन अस्पतालों में गंभीर मामले अपेक्षाकृत कम हैं. हां, बच्चे भी इससे संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन वे औसतन पांच से छह दिन में ठीक हो रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन भविष्य में अपना स्वरूप बदलकर अधिक घातक बन सकता है और ऐसा भी संभव है कि यह नहीं हो. डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा कि मास्क पहनने और कोविड-19 संबंधी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने से ओमिक्रॉन संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, ‘‘वैक्सीन, बूस्टर डोज, मास्क, वेन्टिलेशन की अच्छी व्यवस्था, भीड़ से दूर रहना संक्रमण से बचाव में मददगार हैं. इसके अलावा लक्षणों को जानें और यह भी जानकारी रखें कि जांच कब करानी है, डॉक्टर को कब दिखाना है और कब उपचार करना है.’’

 

 

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