दुनिया का पहला इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन iNCOVACC लॉन्च होने के एक दिन बाद, रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि फरवरी के मध्य तक दिल्ली के सरकारी केंद्रों में नेजल वैक्सीन उपलब्ध होगी. हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निजी केंद्रों में भारत बायोटेक के इंट्रानेजल टीकों की उपलब्धता प्रत्येक अस्पताल द्वारा की गई बुकिंग पर निर्भर करेगी.
iNNCOVACC प्राथमिक 2-खुराक शेड्यूल के लिए और एक विषम बूस्टर खुराक के रूप में मंजूरी प्राप्त करने वाली दुनिया का पहला इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन है. यह भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) द्वारा जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC),जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक PSU के सहयोग से विकसित की गई है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत बायोटेक के नाक संबंधी कोविड वैक्सीन, iNCOVACC को लॉन्च किया. उन्होंने कहा,"आत्मानिर्भर भारत के आह्वान के लिए एक शानदार श्रद्धांजलि" है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि iNCOVACC उन निजी अस्पतालों को पहले मिलेगी जिन्होंने इसके लिए पहले से ऑर्डर दिए हैं.
800 रुपये में मिलेगी
आपको बता दें कि प्रति वर्ष कई मिलियन खुराक की प्रारंभिक निर्माण क्षमता स्थापित की गई है. इसे आवश्यकतानुसार एक बिलियन खुराक तक बढ़ाया जा सकता है. राज्य सरकारों और भारत सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में खरीद के लिए iNCOVACC की कीमत 325 रुपये प्रति खुराक है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वैक्सीन अब CoWIN पर उपलब्ध है और इसकी कीमत निजी बाजारों के लिए 800 रुपये और केंद्र और राज्य सरकारों को आपूर्ति के लिए 325 रुपये है.
iNCOVACC एक लागत प्रभावी कोविड वैक्सीन है, जिसमें सीरिंज, सुई, अल्कोहल वाइप्स, पट्टियों आदि की आवश्यकता नहीं होती है. इस प्रकार खरीद, वितरण, भंडारण और जैव चिकित्सा बॉयोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजेबल से संबंधित लागत बचती है, जो इंजेक्शन योग्य टीकों के लिए नियमित रूप से आवश्यक होते हैं.
मिले पॉजिटिव रिजल्ट
भारत बायोटेक द्वारा विकसित, iNCOVACC दुनिया का पहला इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन है जिसे प्राथमिक दो-खुराक अनुसूची के लिए अनुमोदन प्राप्त हुआ है. ये वयस्कों को विषम बूस्टर खुराक के दिया जा सकता है.बता दे कि हमारी नाक का रास्ता इम्यून सिस्टम से काफी हद तक जुड़ा हुआ होता है इसलिए ये रास्ता वैक्सीन की दक्षता के लिए प्रभावी तरीके से काम करता है. इस रास्ते में हुआ इंफेक्शन इम्यून रिस्पॉन्स के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि ये कोविड संक्रमण और उसे फैलने से रोकने के लिए महत्वपूर्ण है.कंपनी का ये भी दावा है कि इस वैक्सीन को 3000 लोगों पर ट्रायल किया गया था, जिसमें फेज 1, 2, 3 शामिल है.