International Yoga Day 2024: शीशे के सामने योग करने से लेकर सबसे खतरनाक योग मुद्रा तक, योग के बारे में जानिए ये दिलचस्प बातें

पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था. 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है.

International yoga day 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST
  • शीर्षासन सबसे खतरनाक योग मुद्रा है
  • योग करते हुए चोट लगने की दर 10% से कम है

दुनिया भर में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International yoga day 2024) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को योगासन के लिए प्रेरित करना है. पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था. 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है. इसलिए इस दिन को योग दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है.

योग के बारे में आइए जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें...

  • योग शीशे के सामने नहीं किया जाना चाहिए.

  • अमेरिकी हर साल योग अभ्यास पर 16 अरब डॉलर खर्च करते हैं.

  • अमेरिका में 36 मिलियन लोग हर रोज योगाभ्यास करते हैं.

  • योग कई मेडिकल प्रॉब्लम का एकमात्र सॉल्यूशन है.

  • योगियों का मानना ​​है कि हमारी सांस लेने की दर हमारी उम्र निर्धारित करती है.

  • शीर्षासन सबसे खतरनाक योग मुद्रा है.

  • दुनिया की सबसे बुजुर्ग योगा टीचर ने 101 साल की उम्र तक योग सिखाया.

  • योग मुद्राओं या आसनों की आधिकारिक संख्या 84 है. 

  • योग करने वाले तीन महीने में औसतन 3.5 किलो वजन कम कर सकते हैं

  • शवासन में महारत हासिल करना सबसे कठिन योग आसनों में से एक है.

  • योग शरीर के 8 ऊर्जा केंद्रों (चक्र) शुद्ध करता है.

  • ज्यादातर योगाभ्यास करने वाले 44 साल से कम उम्र के हैं.

  • दुनिया भर में 18,000 से ज्यादा रजिस्टर्ड योगा स्कूल हैं.

  • योगाभ्यास हमेशा ढीले कपड़े पहनकर करना चाहिए. लगभग 67% लोग अपने घरों में ही योग करना पसंद करते हैं.

  • योग का इतिहास 5 हजार साल पुराना है. योग करने वालों में 72% महिलाएं हैं.

  • योग करते हुए चोट लगने की दर 10% से कम है.

  • योग करने से ब्लडप्रेशर 3.8 mmHg तक कम हो जाता है. योग 89% रोगियों में पुराने दर्द से राहत दिलाता है.

  • धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक योग का पहला प्रसार भगवान शिव ने अपने 7 शिष्यों के बीच किया था.

 

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