आलू सभी सब्जियों का राजा होता है. भारतीय घरों में सब्जियों में सबसे ज्यादा आलू का ही इस्तेमाल किया जाता है. लोग आलू की सब्जी, भुजिया, पराठा, चिप्स आदि बनाते हैं. आलू में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता हैं. कई बार आपने देखा होगा कि घर में आलू रखे-रखे अंकुरित (स्प्राउट्स ) हो जाते हैं. कुछ लोग इसे छीलकर हटा देते हैं, तो कुछ लोग ऐसे आलू को फेंक देते हैं. दरअसल, कई दिनों तक आलू रखे रहें तो इनमें से शूट्स या आइज उगने लगते हैं. ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या स्प्राउटेड आलू (अंकुरित आलू) खाना सेहत के लिए हेल्दी है या नहीं.
स्प्राउटेड आलू को खाना चाहिए या नहीं?
आलू का अंकुरित होना एक नेचुरल प्रोसेस है. यह सूर्य की रोशनी, गर्मी और नमी के संपर्क में आने पर अंकुरित हो जाता है. हालांकि, अंकुरित आलू सीधे तौर पर नुकसानदायक नहीं होता. लेकिन इसके कारण आलू के पोषक तत्वों में कुछ बदलाव आ जाता है. इससे विटामिन सी और कार्बोहाइड्रेट में थोड़ी कमी आ सकती है. क्योंकि यह अंकुरों के विकास में मदद के लिए अपने स्टोर किए हुए पोषक तत्वों का इस्तेमाल करता है.
हालांकि, कई बार स्प्राउटेड आलू में कुछ टॉक्सिक कम्पाउंड का निर्माण भी हो सकता है. आलू में Glycoalkaloids नामक कंपाउंड होता है. इसमें सबसे ज्यादा सोलनिन होता है, जो कीड़ों से आलू को बचाए रखता है. वैसे तो यह कोई हानिकारक नहीं है. आलू का हरा होना यह बताता है कि आलू में कोई कमी है या सोलनिन का स्तर काफी बढ़ गया है.
क्या आलू का अंकुरित भाग हटाकर खाया जा सकते हैं
कुछ लोग आलू के सिर्फ अंकुरित या हरे वाले भाग को हटा कर इसका उपयोग कर लेते हैं. जबकि एक रिसर्च में पाया गया है कि सोलनिन पूरे आलू में मौजूद होता है, न कि सिर्फ अंकुरित वाले भागों में. ऐसे में अंकुरित आलू खाने पर उल्टी, सिरदर्द, मतली, पेट दर्द, डायरिया जैसी अन्य बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में बेहतर होगा कि आप आलू के अंकुरित और हरे वाले भाग को काटकर हटा लें. साथ ही, जितना हो सके अंकुरित आलू को खाने से बचें.
कैसे करें स्प्राउटेड आलू का उपयोग
वैसे तो स्प्राउटेड आलू का उपयोग न ही करें तो ज्यादा अच्छा है. हालांकि, अगर इस्तेमाल करना ही पड़े तो, आलू पर कोई अंकुर या हरे रंग का हिस्सा है तो उसे पूरी तरह से काट कर हटा दें. ऐसे आलू का छिलका छील कर ही यूज करें. इससे हानिकारक Glycoalkaloids का लेवल कम हो जाता है. अगर आलू मुलायम है और उसमें कोई दुर्गंध है तो ऐसे आलू को फेंक दें. स्प्राउटेड आलू को जितनी अच्छी तरह से पकाएंगे उतना ही Glycoalkaloids कंटेंट कम हो सकता है. आलू को ज्यादा तापमान पर उबालने, पकाने या फ्राई करने से टॉक्सिन लेवल काफी हद तक कम हो सकते हैं.
आलू को अंकुरित होने से रोकने के उपाय