जम्मू कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों में गुरुवार को 'हार्ट क्लिनिक ऑन व्हील्स' की शुरुआत हुई. यह पहल दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए है. मोबाइल अस्पताल इलाज के अलावा पांच से 15 साल के बच्चों में जन्मजात हृदय रोगों और मोटापे का पता लगाने के लिए सर्वे करेगा. यह परियोजना 'नो हार्ट अटैक मिशन' का हिस्सा है. इसे NGO, गौरी कौल फाउंडेशन और इंडियन आयल कॉर्पोरेशन ने शुरू किया है.
क्या है इस प्रोजक्ट का उद्देश्य
इस परियोजना का उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है. गौरी कौल फाउंडेशन की संस्थापक और निदेशक, डॉ. उपेंद्र कौल ने कहा, "हमने तीन डिस्ट्रिक्ट अभी चुने है साउथ कश्मीर के, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, इसमें हमने डिसाइड किया है कि तीन डिस्ट्रिक्ट्स के अंदर हम सब सेंटर बनाएंगें. वेलनेस सेंटर, आयुष्मान वेलनेस सेंटर्स में जाकेर हर जगह, हर डिस्ट्रिक्ट में 100-100 पेशेंट देखेंगे. पहले से ही वहां बता कर रखेंगे कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हर्ट अटैक वाले, पुराने हर्ट अटैक वाले हैं, वे वहां आ जाएं. फिर हम साभ टेस्ट करेंगे और उसके बाद जिनको जो प्रॉब्लम है, जिनको जो दवाई देनी है, उनको आयुष्मान के जन औषधि के तहत देंगे. फिर हम तीन महीने, फिर छह महीने, और फिर एक साल में दोबारा चेक-अप करेंगे. उसमें ये देखेंगे, किसको कितना फायदा आया."
मिलेंगी ये हेल्थ सर्विसेज
मोबाइल अस्पताल में जांच के आधुनिक उपकरण लगे हैं. इनमें ईसीजी, डॉपलर के साथ पोर्टेबल एको कोर्योग्राफी और ब्लड प्रेशर निगरानी प्रणाली भी है. हर उपकरण दिल की जांच को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. जिन जगहों पर ये सुविधा शुरू हुई है, वहां लोगों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया. क स्थानीय निवासी ने कहा, "जो टेस्ट करने के लिए लोगों को श्रीनगर जाना पड़ता था, अब वही टेस्ट उठकर दरवाजे पर आ गया है. ये जो एंबुलेंस है इनके घर पर आ गया है. आप समझ लीजिये कि ये एक हॉस्पिटल है जो व्हील पर है और यह घर-घर जाएगी लोगों की बेहतरी के लिए." हार्ट क्लिनिक ऑन व्हील्स शुरू करने वालों ने 'नो हार्ट अटैक मिशन' को ध्यान में रखते हुए दूसरे NGOs से भी आगे आने और इस कार्यक्रम का विस्तार करने की अपील की है.