दांत (Teeth) आपके चेहरे की सुंदरता में योगदान देते हैं. दांत टूटते हैं निकलते हैं फिर टूटते हैं...बच्चों में दांत टूटने और निकलने की प्रक्रिया चलती रहती है. कई लोगों के दांत बुढ़ापे तक मजबूत बने रहते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके दांत उम्र से पहले ही गिरने लगते हैं. कुछ लोगों के दांत तो बेहद कम उम्र में ही गिर जाते हैं और जिससे उनकी पर्सनैलिटी पर बुरा असर पड़ता है. हालांकि ऐसे लोगों के लिए जापान एक ऐसी दवा लेकर आ रहा है, जिससे दांत दोबारा उग आएंगे.
2030 तक मार्केट में आ सकती है दवा
जापान जल्द ही एक ऐसी दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू करने जा रहा है जो दांतों को फिर से उगा सकती है. क्योटो यूनिवर्सिटी से जुड़े स्टार्टअप टोरेग्राम बायोफार्मा ने ये दवा तैयार की है. इसे 2030 तक मार्केट में लाया जा सकता है. ये दवा उन लोगों के लिए लाई जा रही है, जिन्हें जन्म से ही एनोडोंटिया (Anodontia) है. यानि के जन्म के समय से ही इनके कुछ दांत या तो हैं नहीं या फिर टूट गए हैं. लगभग 0.1% आबादी एनोडोंटिया से पीड़ित है. ये दवा उन लोगों के लिए भी चमत्कारी साबित हो सकती है, जिन्होंने कम उम्र में ही अपने दांत खो दिए हैं.
2018 में किया गया था सफल ट्रायल
इस दवा में एक एंटीबॉडी है जो Usag-1 प्रोटीन को टारगेट करती है. जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में चूहों पर इसका सफल ट्रायल किया गया था. अधिकांश लोगों के मुंह में टूथ बड, होते हैं जिनमें नए दांत उगाने की क्षमता होती है. आमतौर पर ये बड विकसित नहीं होते हैं और धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं. चूहों पर किए एक दूसरे ट्रायल में जिनके भी इंसानों की तरह स्थायी और अस्थायी दांत थे, उनमें भी बिना किसी साइड इफेक्ट के नए दांत निकल आए.
लोगों के पास दवा का विकल्प भी होगा
आमतौर पर, जिन लोगों के दांत खराब हो गए हैं या उनमें एनोडोंटिया है, वे या तो डेन्चर लगवाते हैं या फिर ट्रांसप्लांट कराते हैं, लेकिन इस दवा के आ जाने से लोगों के पास तीसरा विकल्प भी मौजूद होगा.
कंपनी की प्रेसिडेंट होनोका किसो ने इस दवा को बनाने के पीछे का कारण भी बताया. अपनी वेबसाइट पर उन्होंने लिखा, 'कम उम्र में ही हड्डियों की बीमारी के मैंने अपने दांत खो दिए. मैं अपनी बीमारी के कारण पर रिसर्च करना चाहती थी और खोए हुए दांतों को वापस पाना चाहती थी. इसलिए हमने ऐसी दवा विकसित की जो नए दांत उगाने में मदद कर सके.'
तीन चरणों में होगा ट्रायल
अपने पहले क्लिनिकल ट्रायल में कंपनी चाहती है कि दवा का परीक्षण ऐसे लोगों पर किया जाए जिनके नए दांत उगने की संभावना नहीं है. अगर सब ठीक रहा तो दूसरा ट्रायल 2025 में शुरू होगा. इस ट्रायल में खासतौर पर जन्मजात एनोडोंटिया वाले 2 से 7 साल की उम्र के बच्चों पर फोकस किया जाएगा. दांतों के विकास के लिए उन्हें एक खुराक का इंजेक्शन लगाया जाएगा. अपने आखिरी ट्रायल में कंपनी उन वृद्ध वयस्कों पर फोकस करेगी जिन्होंने कैविटी के कारण अपने दांत खो दिए हैं.
कंपनी ने इस दवा की कीमत करीब 1.5 मिलियन येन (8 लाख रुपये) रखी है.