कोरोना से ठीक होने के बावजूद पॉजिटिव पाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए टीएसी ने सुझाया ये खास समाधान

ऐसे कुछ अंतरराष्ट्रीय यात्री जो पूरी तरह से कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं, लेकिन फिर भी अगर वो पॉजिटिव पाए जाते हैं उसके लिए राज्य की तकनीकी सलाहकार समिति ने एक सिफारिश की है. राज्य की तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) ने सिफारिश की है कि ऐसे यात्रियों को एक क्लीनिकल रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसमें कहा गया हो कि उनके पास कोई लक्षण नहीं है.

Karnataka comes up with solution for flyers testing positive (PC- Social Media)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:31 PM IST
  • ठीक होने के बावजूद पॉजिटिव आया टेस्ट
  • कम देखने को मिलते हैं ऐसे मामले

ऐसे कुछ अंतरराष्ट्रीय यात्री जो पूरी तरह से कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं, लेकिन फिर भी अगर वो पॉजिटिव पाए जाते हैं उसके लिए राज्य की तकनीकी सलाहकार समिति ने एक सिफारिश की है. राज्य की तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) ने सिफारिश की है कि ऐसे यात्रियों को एक क्लीनिकल रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसमें कहा गया हो कि उनके पास कोई लक्षण नहीं है. साथ ही उन्हें उड़ान भरने के लिए एक निगोटिव सब जीनोमिक आरएनए (SgRNA)टेस्ट भी करवाना होगा.

इस मुद्दे पर टीएसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लीनिकल ​​​​रिपोर्ट एक चिकित्सक को देनी होगी. SgRNA परीक्षण एक विशेष परीक्षण होता है, जो साबित करता है कि व्यक्ति वायरस से मुक्त है. हालांकि, टीएसी के सदस्य इस बात को लेकर असमंजस में थे कि कोई इस तरह का परीक्षण कहां करवा सकता है.

ठीक होने के बावजूद पॉजिटिव आया टेस्ट
सचिवालय के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा पैनल के सदस्यों के ध्यान में लाए जाने के बाद सलाहकार समिति ने इस मुद्दे को उठाया, जिसका वजह से कुछ अंतरराष्ट्रीय यात्री बेंगलुरु आने में असमर्थ थे क्योंकि ठीक होने के बावजूद उनका टेस्ट पॉजिटिव आ रहा था.

कम देखने को मिलते हैं ऐसे मामले
टीएसी के एक सदस्य ने कहा, "जो लोग भारत की यात्रा करना चाहते हैं, वे हवाई टिकट भी नहीं खरीद सकते हैं,अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है." “पॉजिटिव रिजल्ट का मतलब है कि शरीर में अभी भी वायरस के अवशेष मौजूद हैं. हालांकि इन आरटी-पीसीआर परीक्षणों के परिणामों को गलत सकारात्मक माना जाता है. इन लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं और न ही ये दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं क्योंकि ये वायरस के वाहक नहीं होते हैं. ऐसे मामले कम ही देखने को मिलते हैं. शायद तीन महीने में एक बार ऐसा हुआ जब एक दंपत्ति इस मामले को उच्च अधिकारियों के पास लेकर पहुंचा और हमारा ध्यान इस ओर केंद्रित किया.

कराना होगा SgRNA टेस्ट
28 अक्टूबर को अपनी बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा के बाद, टीएसी सदस्यों ने कहा कि ऐसे दुर्लभ मामलों को मौजूदा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को कमजोर नहीं माना जाना चाहिए. इसके बाद यह सुनिश्चित किया गया कि ऐसे लोग जो कोविड से पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनका टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है उन्हें यात्रा करने की अनुमति दी जाए अगर वो कुछ नियमों का पालन करते हैं तो. ऐसे लोगों को किसी चिकित्सक से एक रिपोर्ट बनवाकर देनी होगी कि वो कोरोना से रिकवर हो चुका है और बिना लक्षण वाला है. इसके अलावा उसका SgRNA टेस्ट भी निगोटिव होना चाहिए.

टीएसी सदस्य ने कहा कि एसजीआरएनए परीक्षण वायरस प्रतिकृति का संकेतक है. सदस्य ने कहा, "एसजीआरएनए का सुझाव जरूर दिया गया है, लेकिन यह अभी भी भारत में रिसर्च मोड में है. हमें नहीं पता कि यह विदेश में कहां किया जा रहा है या कोई इसे कहां करवा सकता है.”

 

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