गर्मियों के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारियां खूब होती हैं. लेकिन इनमें से कुछ ऐसी होती हैं जो जानलेवा साबित हो सकती हैं. केरल के त्रिशूर में वेस्ट नाइल फीवर से एक 47 साल के व्यक्ति की मौत हो गई. ये भी मच्छरों से होने वाली ही एक बीमारी है. वेस्ट नाइल फीवर से एक व्यक्ति की मौत होने के बाद प्रशासन सर्तक हो गया है और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को इनसे बचे रहने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी केरल में वेस्ट नाइल वायरस के केस सामने आए हैं लेकिन कभी भी इससे कोई मौत नहीं हुई थी.
क्या है वेस्ट नाइल फीवर?
आपको बताते चलें कि वेस्ट नाइल फीवर एक वायरल बुखार है जो वेस्ट नाइल वायरस से फैलता है. मच्छरों की क्यूलेक्स प्रजाति ही इस वायरस को व्यक्ति के खून में फैलाती है. फिर जब ये वायरस खून में मिलता है तो इससे व्यक्ति इन्फेक्शन का शिकार हो जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ये वायरस अधिकतर अफ्रीका, यूरोप, मिडल ईस्ट, नार्थ अमेरिका और वेस्ट एशिया में पाया जाता है.
सबसे पहले कहां आया था नजर?
पहली बार ये वायरस साल 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल (West Nile) जिले में देखने को मिला था. जहां इसकी वजह से एक महिला बीमार हुई थी. उसके बाद साल 1953 में ये वायरस नील डेल्टा क्षेत्र के पक्षियों जैसे कौवे और कबूतर में देखने को मिला था. वहीं, साल 1999 में वेस्ट नाइले वायरस इज़राइल, ट्यूनीशिया, न्यूयॉर्क, अमेरिका में कनाडा से वेनेजुएला क्षेत्र तक फैल गया था. अब इसका एक केस भारत में भी मिला है.
क्या है बुखार के लक्षण?
दरअसल, 80% मामलों में इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं. इसके अलावा कुल 20% मामले ही ऐसे हैं जिनमें लक्षण नजर आते हैं. इन लक्षणों में-
- बुखार
-सिरदर्द
-थकान
-शरीर में दर्द
- शरीर में दाने
- स्किन रैशेस
-कई बार संक्रमण गंभीर होता है तो व्यक्ति को एन्सेफलाइटिस, मेनिन्जाइटिस, लकवा और यहां तक कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है.
कैसे करें अपना बचाव?
-सबसे पहले खुद को मच्छरों के काटने से जरूर बचाएं.
-पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें. ताकि आपको मच्छर न काट सके.
-घर के आसपास पानी जमा न होने दें और पानी से भरे कंटेनरों को कवर करके रखें.
-घर एक बहार के यार्ड और गार्डन साफ-सफाई रखें.