Kerala में बढ़े Hepatits A के मामले, पहले ही जान लें लक्षण और आपको कब लेनी चाहिए इसकी Vaccine?

Kerala Hepatits A Cases: ज्यादातर हेपेटाइटिस ए के मामलों में पीलिया होता है और दो से छह सप्ताह के भीतर धीरे-धीरे ठीक हो जाता है. लेकिन अगर ये गंभीर है तो लिवर को डैमेज कर सकता है, यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है.

Hepatitis test in the laboratory (Photo: Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST
  • लिवर को पहुंचाता है नुकसान 
  • वैक्सीन है जरूरी
  • गंभीर मामलों में मौत हो सकती है 

पिछले कुछ दिनों में, केरल के मलप्पुरम जिले में हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) के कई मामले आए हैं. अब तक लगभग 8,000 केस सामने आए हैं और 12 मौतें हुई हैं.  इसके बाद से ही आसपास के राज्य भी सचेत हो गए हैं. सभी को जरूरी उपाय करने की सलाह दी जा रही है. वायरस के कारण होने वाला हेपेटाइटिस ए काफी ज्यादा संक्रामक होता है, ये अक्सर संक्रमित व्यक्ति के परिवार के कई सदस्यों को प्रभावित करता है. 

लिवर को पहुंचाता है नुकसान 

हेपेटाइटिस ए में सबसे ज्यादा नुकसान मरीज के लिवर को होता है. इसमें कुछ समय के लिए लिवर में सूजन हो जाती है. हालांकि, यह कुछ ही समय के लिए होता है और ठीक हो जाता है. लेकिन अगर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है तो ये गंभीर हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि सही समय पर इससे जुड़ी वैक्सीन लगवाई जाए. 

हेपेटाइटिस ए, ज्यादातर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. लेकिन अब ये बुजुर्गों को भी प्रभावित कर रहा है. ये वो लोग हैं जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. 

गंभीर मामलों में मौत हो सकती है 

ज्यादातर हेपेटाइटिस ए के मामलों में पीलिया होता है और दो से छह सप्ताह के भीतर धीरे-धीरे ठीक हो जाता है. लेकिन अगर ये गंभीर है तो लिवर को डैमेज कर सकता है, यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है. लेकिन अगर शुरुआत में डॉक्टर को दिखाया जाए तो ये आसानी से ठीक हो सकता है.  हेपेटाइटिस ए वायरस पीलिया की शुरुआत से दो सप्ताह पहले तक संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद रह सकता है, और लक्षण कम होने के बाद दो सप्ताह तक बना रह सकता है. इससे दूषित सीवेज मीठे पानी के स्रोतों में वायरस ला सकता है, जिससे प्रकोप बढ़ सकता है. इस तरह का प्रकोप साल 1954 में दिल्ली में और 1988-90 में कानपुर में देखा गया था. 

लक्षणों को पहचानना है जरूरी 

हेपेटाइटिस ए के सामान्य लक्षणों में मतली (nausea), बुखार, दस्त (diarrhea), पेशाब का पीला होना और पेट दर्द शामिल हैं. हालांकि, अगर आपको सुस्ती, या ब्लीडिंग जैसे लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डायग्नोस्टिक टेस्ट, जैसे कि प्रोथ्रोम्बिन टाइम (पीटी) का उपयोग लिवर को चेक करने के लिए किया जा सकता है. 

वैक्सीन है जरूरी

ऐसे में ट्रीटमेंट के रूप में जरूरी है कि जितना हो आप उतना आराम करें. जरूरी पोषण लें और साफ पानी पिएं. गंभीर मामलों में डॉक्टर की देखरेख में ही रहें या अस्पताल में भर्ती हो जाएं. हालांकि, वैक्सीन हेपेटाइटिस ए के खिलाफ सबसे प्रभावी निवारक उपाय है. हाथ धोने और साफ पानी पीने के साथ वैक्सीन हेपेटाइटिस ए को रोकने में काफी हद तक मदद करेगी. 


 

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