King Charles Prostate Cancer: ब्रिटेन के महाराजा किंग चार्ल्स का कैंसर ट्रीटमेंट शुरू, जानें पुरुषों में बढ़ रही प्रोस्टेट बीमारी के बारे में, कैसे कर सकते हैं बचाव? 

King Charles Treatment: 50 साल की उम्र के बाद प्रोस्टेट कैंसर खतरा काफी बढ़ जाता है. ये पुरुषों में अब काफी आम बीमारी हो गई है. इसके पीछे कई जीवनशैली कारक बताए गए हैं. 

King Charles
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST
  • इलाज है मुमकिन
  • ट्रीटमेंट हो चुका है शुरू 

ब्रिटेन के महाराजा किंग चार्ल्स (King Charles) को कैंसर हुआ है. इसकी जानकारी सोमवार को बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से दी है. इसी को देखते हुए किंग चार्ल्स की सभी पब्लिक मीटिंग्स को कुछ समय के लिए पोस्टपोन किया गया है. बता दें, इससे पहले करीब तीन दिन के लिए किंग चार्ल्स अस्पताल में भर्ती हुए थे. उनका प्रोस्टेट बढ़ा (enlarged prostate) हुआ बताया गया था, जिसका ऑपरेशन हुआ था. सोमवार को पैलेस ने पुष्टि कर बताया कि जांच में एक तरह के कैंसर का पता चला है. किंग चार्ल्स का ट्रीटमेंट शुरू हो गया है. वे हेड ऑफ स्टेट के तौर पर अपना काम जारी रखेंगे. 

प्रोस्टेट बीमारी क्या है?

दरअसल, प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) पुरुषों में होने वाला एक गंभीर कैंसर है. हालांकि प्रोस्टेट कैंसर का सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन उम्र, पारिवारिक इतिहास जैसे कुछ जोखिम कारक इस बीमारी के विकसित होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं. प्रोस्टेट कैंसर बुजुर्ग पुरुषों में ज्यादा आम है. 50 साल की उम्र के बाद इसका खतरा काफी बढ़ जाता है. इसके पीछे कई जीवनशैली कारक भी बताए गए हैं.  खराब खानपान, मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी इस कैंसर के होने के खतरे को ज्यादा बढ़ा सकती हैं. 

बकिंघम पैलेस ने किया बयान जारी

क्या हैं इसके लक्षण?

- पेशाब करने में कठिनाई होना. 

- कमजोर या बाधित मूत्र प्रवाह. 

- बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में.

- पेशाब या सीमन में खून आना. 

- पेल्विक क्षेत्र में दर्द या बेचैनी. 

- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन.
 
इलाज है मुमकिन 

प्रोस्टेट कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए कितने ऑप्शन हैं ये कई कारकों पर निर्भर करते हैं. जैसे कैंसर कितना खतरनाक है, पुरुष की हेल्थ कैसी है? व्यक्तिगत प्राथमिकताएं क्या हैं आदि. ऐसे में कई चीजों का ध्यान रखा जा सकता है-

- एक्टिव सर्विलांस: तत्काल उपचार के बिना कैंसर की निगरानी करना जरूरी है. खासकर ऐसे ट्यूमर के लिए जो धीरे-धीरे बढ़ता है. 

- सर्जरी: शुरुआती चरण के प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट ग्लैंड को हटाने (prostatectomy) की सिफारिश की जा सकती है. 

-रेडिएशन थेरेपी: हाई एनर्जी रे (High-energy rays) का उपयोग कैंसर सेल्स को खत्म करने या ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए किया जाता है.

- हार्मोन थेरेपी: हार्मोन थेरेपी में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को रोकना शामिल है. इसकी मदद से प्रोस्टेट कैंसर के विकास को धीमा करने में मदद मिल सकती है. 

- कीमोथेरेपी (Chemotherapy): दवाओं का उपयोग कैंसर सेल्स को मारने या उसके बढ़ने को रोकने के लिए किया जाता है. इसमें कीमोथेरेपी काफी कारगर मानी जाती है. 

ट्रीटमेंट हो चुका है शुरू 

किंग चार्ल्स का ट्रीटमेंट शुरू हो चुका है. डॉक्टर्स ने उन्हें सार्वजनिक जगहों पर जाना अस्थायी रूप से सीमित करने की सलाह दी है. हालांकि, पैलेस के बयान के मुताबिक इतनी चुनौतियों के बावजूद, काइंड चार्ल्स अपने इलाज को लेकर काफी आशावादी हैं. किंग चार्ल्स ने व्यक्तिगत रूप से अपने बेटों, प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी को डायग्नोस के बारे में सूचित कर दिया है. 


 

Read more!

RECOMMENDED