Covid-19 के बाद अब Rift Valley Fever का कहर, जानें कैसे फैलता है जानवरों से इंसानों में

ये फीवर जानवरों से इंसानों में फैलता है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीमारी  के काफी खतरनाक रूप देखे जा चुके हैं. इसकी वजह से अफ्रीका में गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज के केस देखने को मिले हैं.

Rift Valley Fever
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST
  • इस फीवर के ज्यादातर मामले अफ्रीकी देशों में सामने आए हैं
  • इसकी वजह से अफ्रीका में गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज के केस देखने को मिले हैं

अभी पूरी दुनिया कोरोना वायरस से निपटी ही नहीं है कि एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है. ये वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंचता है. इस वायरस का नाम है रिफ्ट वैली फीवर (RVF). लेकिन इसे लेकर एक रहत की खबर आई है. वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है, जिससे मदद से उम्मीद है कि इसके प्रकोप को कम किया जा सकता है. बता दें, वैली फीवर गाय, भैंस, भेड़, बकरी जैसे पशुओं में फैलता है. 

हालांकि, इसके कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिसमें ये फीवर जानवरों से इंसानों में फैलता है. वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है कि ये वायरस किस तरह से इंसानों को संक्रमित करता है. और चूंकि इसके संक्रमण का पता चल गया है इसलिए अब  बेहद आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि इसका इलाज कैसे किया जाए.

कहां पाए गए हैं ज्यादा मामले?

आपको बताते चलें कि इस फीवर के ज्यादातर मामले अफ्रीकी देशों में सामने आए हैं. इस बीमारी में जानवरों में खून बहना शुरू हो जाता है. कई  बार तो ये इतनी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है कि जानलेवा साबित भी हो सकती है.  

जम्मू कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले वायरोलॉजिस्ट डॉ सफदर गनी (Dr. Safder Ganaie) ने पाया है कि ये वायरस एक प्रोटीन के जरिए मानव के टिश्यू में जाता है. ये प्रोटीन आमतौर पर कम डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन को हटाने में शामिल होता है, जो बैड कॉलेस्ट्रोल को खून में पहुंचाने का काम करता है.

कैसे फैलती है बीमारी इंसानों में ?

रिसर्च में पता लगाया गया है कि ये बीमारी जानवरों के खून, शारीरिक स्त्राव और टिश्यू के जरिए इंसानों में फैलती है. जैसे मान लीजिये किसी मच्छर ने उस संक्रमित पशु को काटा और फिर वही मच्छर इंसान को काट ले तो इससे व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीमारी  के काफी खतरनाक रूप देखे जा चुके हैं. इसकी वजह से अफ्रीका में गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज के केस देखने को मिले हैं.

इसके निजात का भी जल्द लगा सकेंगे पता 

डॉ गनी और दूसरे वैज्ञानिकों की ये रिसर्च श्रीनगर की एक मैगज़ीन कश्मीर लाइफ में प्रकाशित हुए है. इसके मुताबिक, इस खोज से अब ये पता लगाया जा सकेगा कि ये वायरस किसी भी इंसान के शरीर में किस तरह जाता है और किस तरह जानवरों से इंसानों में फैलता है. बता दें, ये रिसर्च  यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग, यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर की है.
 
 

 

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