अश्वगंधा को आमतौर पर "इंडियन विंटर चेरी" या "इंडियन जिनसेंग" के रूप में जाना जाता है. भारतीय घरों में ये आपको मिल ही जाएगा. इसे आयुर्वेद में सबसे महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है. इसके अतिरिक्त, इसमें मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हमें कई सारी बीमारियों से बचाते हैं.
पिछले 300 साल से हो रहा है इसका इस्तेमाल
शरीर में मौजूद सेल की इम्युनिटी बढ़ाकर को बढ़ाकर अश्वगंधा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. अश्वगंधा के जहां मानसिक तौर पर आपको सुरक्षित रखता है तो वहीं शारीरिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखता है. लगभग 300 साल से, अश्वगंधा का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में हाई ब्लड प्रेशर से लेकर फर्टिलिटी में सुधार के लिए किया जाता रहा है.
डायबिटीज रोगियों के लिए भी है मददगार
इतना ही नहीं बल्कि अगर आप ब्लड प्रेशर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए किसी आयुर्वेदिक चीज की तलाश कर रहे हैं तो आप अपने डायबिटीज डाइट प्लान में अश्वगंधा को शामिल कर सकते हैं. दरअसल, अश्वगंधा छोटे पीले-हरे फूलों और लाल जामुन और साधारण हरी पत्तियों वाली एक छोटी झाड़ी होती है. अश्वगंधा की जड़ें और पत्तियां ही हैं जहाँ इसके अधिकांश स्वास्थ्य लाभ पाए जाते हैं.
अश्वगंधा की पत्तियों के भी हैं स्वास्थ्य लाभ
इसकी पत्तियों का सबसे लोकप्रिय उपयोग चाय में है. आप इसकी जड़ का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से कर सकते हैं. हालांकि, आजकल, लोग इसे सुखाकर इसका चूर्ण बनाते हैं और फिर उसे खाते हैं. इसका सेवन कई खतरनाक बीमारियों से बचने के लिए भी किया जाता है, जैसे -
1. फाइब्रोमाएल्जिया.
2. पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए.
3. हिकप्स.
4. आर्थराइटिस.
5. नींद न आने की बीमारी से.
6. एंग्जायटी.
7. ट्यूमर.
8. टीबी में.
9. अस्थमा.
10. डायबिटीज
11. लिवर से जुड़ी बीमारियों के लिए.
डायबिटीज रोगी कैसे करें अश्वगंधा का सेवन?
डायबिटीज रोगी अश्वगंधा को अलग-अलग तरीके से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
1. अश्वगंधा चाय
अश्वगंधा की जड़ों को 15 से 20 मिनट के लिए उबलते पानी में भिगोकर और छानकर नींबू और शहद के साथ परोसना इसका सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका है.
2. अश्वगंधा दूध
एक गिलास दूध में ¼ से ½ चम्मच अश्वगंधा की जड़ का पाउडर मिलाएं. इसे आप 1-2 महीने तक ले सकते हैं.
3. अश्वगंधा की गोली
अश्वगंधा की एक गोली दिन में दो बार गर्म दूध या पानी के साथ लें.