प्रेगनेंसी (Pregnancy) में अक्सर महिलाएं ये सोचकर परेशान रहती हैं कि क्या खाएं और क्या नहीं. इसमें ली जाने वाली डाइट की अगर बात करें तो कई रेस्ट्रिक्शन्स का सामना करना पड़ता है. इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान सबसे जरूरी होता है की आप नुट्रिशन वाली चीजें खाएं. 2013 में हुई एक स्टडी के अनुसार, अगर आप इस दौरान जंक फूड खाती हैं, तो इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ता है.
हालांकि, फल और सब्जियां कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. जब आप इन्हें अपनी डाइट में शामिल करती हैं, तो ज्यादातर विटामिन, मिनिरल और फाइबर जिनकी जरूरत आपके बच्चे को होती है वो खुद ही उसे मिल जाते हैं. फल और सब्जियां कब्ज को रोकने में भी मदद करती हैं, जो प्रेगनेंसी के दौरान एक सामान्य लक्षण है.
चलिए जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान किन फलों को नहीं खाना चाहिए-
1. अनानास (Pineapple)
अनानास में ब्रोमेलैन होता है, इससे बच्चे की डिलीवरी के समय में परेशानी आती है. हालांकि, कई डॉक्टरों का मानना है कि अगर अनानास को कम मात्रा में खाया जाए तो यह प्रेगनेंसी में फायदा करता है. इसमें कई उपयोगी पोषक तत्व होते हैं जो फायदेमंद साबित हो सकते हैं. हालांकि, सुरक्षित रहने के लिए, प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में अनानास का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.
2. अंगूर (Grapes)
कभी-कभी यह सलाह दी जाती है कि प्रेग्नेंट महिला को अंगूर खाने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि अंगूर में रेस्वेराट्रोल होता है. इससे प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स हो सकते हैं. अनानास की तरह, हालांकि, जब इसे कम मात्रा में खाया जाता है, तो अंगूर आमतौर पर खाए जा सकते हैं.
3. पपीता
हालांकि, पपीता, जब पका हुआ होता है, तो यह फायदेमंद हो सकता है. लेकिन कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है, जो समय से पहले कॉन्ट्रैक्शंस की समस्या पैदा कर सकता है.
प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर मीठा खाने की ललक होती है. लेकिन कोशिश करें कि उस दौरान आप केक या कैंडी जैसी चीज़ न खाएं. इसके बजाय आप फल ही खाएं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप कौन से फलों को अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं:
1. संतरा (Orange)
संतरा आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है. ये फोलेट, या फोलिक एसिड का भी एक बड़ा सोर्स होता है. आपको बता दें, फोलेट एक बी विटामिन है जो हमारे दिमाग और रीढ़ की हड्डी में आई दिक्कतों को कम करने में मदद करता है. इसे हम न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट भी कहते हैं.
इसके साथ, नींबू और संतरे जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं. विटामिन-सी आपके बच्चे की हड्डियों को ठीक से बढ़ने में मदद करती है. सिटरस (Citrus) एक महिला के पाचन में भी मदद कर सकता है और प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस को रोक सकता है.
2. सेब (Apple)
सेब में बहुत अधिक फाइबर होता है, जो एक महिला के पाचन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है - एक आम समस्या जिसका सामना कई प्रेग्नेंट महिलाओं को करना पड़ता है.
3. केला (Banana)
केला पोटेशियम का एक अच्छा सोर्स होता है. पोटेशियम महिला के शरीर में लिक्विड पदार्थ और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और प्रेगनेंसी के बाद के चरणों में पैर की ऐंठन या दर्द को रोकने में बहुत मदद कर सकता है.
4. कीवी (Kiwi)
कीवी में भी फोलिक एसिड होता है और यह टेस्ट में भी काफी स्वादिष्ट होता है. फोलिक एसिड बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा, कीवी प्रेग्नेंट को आयरन को अब्सॉर्ब करने में मदद करता है, इसकी मदद से मां के भीतर पल रहे बच्चे को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाती है.
5. तरबूज (Watermelon)
तरबूज में विटामिन ए, सी और बी 6 पायी जाती है. इसके साथ पोटेशियम क्रैम्प्स में आराम देता है तो मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है. इसके अलावा, तरबूज मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में मदद करता है. और ये आपको हाइड्रेटेड भी रखता है.
6. आम (Mango)
आम में भी विटामिन ए पाई जाती है. जन्म के समय में विटामिन ए की कमी से बच्चे की इम्यूनिटी कम हो सकती है और दूसरी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि आम प्रेगनेंसी में आपको फायदा पहुंचाता है लेकिन फिर भी अन्य फलों के साथ इसे कम मात्रा में ही खाएं.
7. बेरी (Berries)
इस दौरान आप अलग-अलग बेरीज भी खा सकती हैं. जैसे जामुन, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, और गोजी बेरी आदि.
बेरीज में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन सी, रेशा, फोलेट पाया जाता है. इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट आपको एनर्जी देता है और आपके बच्चे को भी इससे पोषण देने में मदद मिलती है.