Tips to Deal with Loneliness: स्मोकिंग और शराब जितना ही खतरनाक है अकेलापन, जानें कैसे करें इसे मैनेज

अकेलापन एक गंभीर समस्या है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है, जिसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर प्रभाव पड़ता है. हालांकि, समस्या को स्वीकार करके, मदद मांग कर, सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर और सेल्फ केयर करके आप इसे मैनेज कर सकते हैं. 

Tips to Deal with Loneliness (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST
  • स्ट्रेस हॉर्मोन को बढ़ाता है अकेलापन 
  • अकेलेपन से निपट सकते हैं 

काम और घर के बीच की भागदौड़ ने लोगों को अकेला कर दिया है. लोग जितना तरक्की कर रहे हैं वे उतने ही अकेले होते जा रहे हैं. लेकिन ये अकेलापन आपको पूरी तरह खा सकता है. एक स्टडी के मुताबिक, अकेलापन स्मोकिंग और शराब से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. 

चंडीगढ़ के PGIMER में मनोचिकित्सा विभाग (Department of Psychiatry) के हालिया शोध ने न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अकेलेपन की बढ़ती समस्या को बताया है. ग्रामीण क्षेत्रों में वयस्कों, विशेष रूप से बुजुर्ग महिलाओं पर इसे फोकस करते हुए इस स्टडी को किया गया है. इससे लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. 

डायबिटीज जितना ही खतरनाक है ये 
स्टडी कहती है कि अकेलेपन को कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा गया है. इसमें दिल की बीमारी, समय से पहले मृत्यु, डिप्रेशन-एंग्जायटी, डिमेंशिया और चिंता शामिल हैं.

दरअसल, अकेलापन केवल एक इमोशनल स्थिति नहीं है; इसका हमारे शरीर पर सीधा प्रभाव पड़ता है. स्टडी में अकेलेपन की तुलना प्री-डायबिटीज से की गई है, जिसे अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो ये बाद में चलकर ये डायबिटीज बन जाता है. ठीक इसी तरह अकेलेपन का इलाज न किया जाए तो ये डिप्रेशन, एंग्जायटी और दूसरी मेंटल और फिजिकल हेल्थ की समस्याओं को जन्म दे सकता है. 

अकेलेपन के लक्षण अक्सर शारीरिक रूप से ही दिखने लग जाते हैं. इसमें व्यक्ति सुस्ती, सिरदर्द, भूख की कमी, जंक फूड ज्यादा खाना, जोड़ों में दर्द, थकान और मोटापे का अनुभव करता है. दो घंटे तक इनएक्टिव और उदास बैठना एक सिगरेट पीने के बराबर है. 

स्ट्रेस हॉर्मोन को बढ़ाता है अकेलापन 
दरअसल, अकेलापन शरीर में स्ट्रेस रिस्पांस को ट्रिगर करता है, जिससे कोर्टिसोल का लेवल बढ़ जाता है. कोर्टिसोल, एक स्ट्रेस हार्मोन होता है. जब ये लगातार बढ़ जाता है, तो हमारी ब्लड वेसल और शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. अकेलापन इम्युनिटी को भी कमजोर कर सकता है, जिससे शरीर संक्रमण और बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है. 

अकेलेपन से निपट सकते हैं 
अकेलापन किसी विशेष उम्र या जनसांख्यिकी तक ही सीमित नहीं है. यह जीवन के किसी भी चरण में किसी को भी प्रभावित कर सकता है. चाहे आप बुजुर्ग हों, ब्रेकअप या तलाक से गुजर रहे हों, किसी प्रियजन की मृत्यु से जूझ रहे हों या बस अकेलापन महसूस कर रहे हों, अकेलापन आपके स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है. हालांकि, अकेलेपन को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के तरीके हैं. 

1. अपनी भावनाओं को पहचानें
अकेलेपन पर काबू पाने का पहला कदम यह पहचानना और स्वीकार करना है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं. अपने जीवन पर अकेलेपन के प्रभाव को समझना आपको इससे बचने के लिए सक्रिय कदम उठाने में मदद कर सकता है. किसी काउंसलर या थेरेपिस्ट से बात करने पर विचार करें जो आपके अकेलेपन के कारणों का पता लगाने और इससे निपटने के लिए आपकी मदद करे. 

दोस्तों और परिवार के साथ बातचीत करना भी जरूरी है. उन्हें बताएं कि आप अकेलेपन से जूझ रहे हैं और उनका सपोर्ट मांगें. 

2. ऑनलाइन और ऑफलाइन बातचीत में संतुलन बनाए रखें
जब अकेलेपन की बात आती है तो डिजिटल दुनिया दोधारी तलवार साबित हो सकती है. जबकि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म दूसरों से जुड़ने के सुविधाजनक तरीके दे सकते हैं, वे अकेलेपन की भावना को भी बढ़ा सकते हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन बातचीत के बीच बैलेंस बनाना जरूरी है.

3. वॉलिंटियरिंग
वॉलिंटियरिंग करना अकेलेपन से लड़ने का एक शक्तिशाली तरीका है. अपने समय और एनर्जी को किसी ऐसी चीज में लगाएं जिससे आपका तनाव कम हो सके. इससे आपकी मेंटल हेल्थ अच्छी हो सकती है. 

आप कई तरह वॉलिंटियरिंग कर सकते हैं. जैसे चाहे नर्सिंग होम में सीनियर सिटीजन से मिलना, बच्चों के अस्पताल में मदद करना हो, सूप किचन में काम करना हो या किसी पेट हाउस में वॉलिंटियरिंग करना हो. 

4. किसी ग्रुप या क्लब में शामिल हों
अपनी रुचियों से मेल खाने वाले किसी समूह या क्लब में शामिल होना अकेलेपन को दूर करने का एक और प्रभावी तरीका है. कई समुदाय अलग-अलग क्लब और एक्टिविटी करवाता हैं. चाहे वह बुक क्लब हो, स्पोर्ट्स टीम हो या हॉबी ग्रुप हो, आप यहां दोस्त बना सकते हैं.

5. सेल्फ केयर करें 
अकेलेपन से लड़ने के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है. नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट, अच्छी नींद और बाहर समय बिताएं. 

व्यायाम से एंडोर्फिन निकलता है, जिसे अक्सर हैप्पी हार्मोन के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे आपके मूड को बेहतर बनाते हैं और आपको बेहतर महसूस कराते हैं. इसी तरह, धूप में समय बिताने से आपके सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ावा मिल सकता है, जो खुशी से जुड़ा एक और हार्मोन है. 

इसके अलावा, अच्छी नींद जरूरी है. खराब नींद अकेलेपन और अलगाव की भावनाओं को बढ़ा सकती है. 

 

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