500 से अधिक सफल Robotic Surgery करके लखनऊ के पीजीआई अस्पताल ने रचा इतिहास, मरीजों को मिल रही बेस्ट सर्विस

पिछले कुछ सालों से हेल्थकेयर क्षेत्र में भी रोबोट्स का इस्तेमाल बढ़ा है. आजकल कई विभागों में रोबोट्स सर्जरी करते हैं. लखनऊ के एक अस्पताल में अबतक 500 Robotic Surgery की जा चुकी हैं.

Robotic Surgery in PGI Lucknow
gnttv.com
  • लखनऊ,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST
  • साल 2019 से हुई रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत 
  • कई विभागों में हुईं रोबोटिक सर्जरी

लखनऊ के एसजीपीजीआईएमएस (SGPGIMS) अस्पताल ने एक नई उपलब्धि हासिल की है. अस्पताल में अब तक 500 से अधिक सफल रोबोटिक सर्जरी की गई हैं. जिनमें एंडोक्राइन सर्जरी विभाग, सीबीटीएस डिपार्टमेंट, यूरोलॉजी विभाग, गैस्ट्रो सर्जरी डिपार्टमेंट और पाएड सर्जरी विभाग के ऑपरेशन शामिल हैं. 

एंडोक्राइन डिपार्टमेंट में कुल 67 सर्जरी रोबोट के जरिए की गईं तो वहीं गैस्ट्रो सर्जरी डिपार्टमेंट में 75 सर्जरी की गई. सिविटीएस में 46, पाएड सर्जरी में 24 और वही पीजीआई यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में कुल 363 सर्जरी की गई हैं. 

साल 2019 से हुई रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत 
एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डॉ आरके धीमान ने बताया कि अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत 2019 से हुई थी और फिर 2020 और 21 में कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी. इस दौरान सर्जरी कम की गईं लेकिन इसके बावजूद भी पिछले कुछ सालों में लखनऊ पीजीआई ने एक माइलस्टोन सेट करते हुए 500 से अधिक सफल रोबोटिक सर्जरी की हैं. और यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. 

इन विभागों में हुईं रोबोटिक सर्जरी  
प्रोफेसर धीमान ने आगे बताया कि प्राइवेट अस्पतालों में भी रोबोटिक सर्जरी की जाती हैं लेकिन वह सर्जरी सिर्फ यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में ही की जाती है. लेकिन एसजीपीजीआई में ऐसा नहीं है .एसजीपीजीआई एक ऐसा संस्थान है जहां यूरोलॉजी  विभाग के अलावा अन्य विभागों में भी रोबोट के माध्यम से सर्जरी की गई हैं. जिनमें एंडोक्राइन डिपार्टमेंट, कार्डियोवैस्कुलर विभाग, गैस्ट्रो सर्जरी डिपार्टमेंट, यूरोलॉजी, सीवीटीएस, पीडियाट्रिक सर्जरी और हिप्टोलॉजी सर्जरी विभाग शामिल हैं. 

इन विभागों की सर्जरी बहुत ही कठिन होती हैं. ऐसे में रोबोटिक सर्जरी ने काफ़ी अहम भूमिका निभाई है. साथ ही, रोबोट के माध्यम से सर्जरी करने से खून का स्त्राव और दर्द भी कम होता है और तो और ऑपरेशन करने में कम समय लगता है. निदेशक धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी पीजीआई संस्थान के पास एक रोबोट है और उसी से सर्जरी की जाती हैं. आने वाले समय में जल्द ही एक और रोबोट को पीजीआई में लाया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा मरीजों की कम समय में सर्जरी हो सके.

(सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)

 

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