Lyme Disease: 5 प्वाइंट में समझें लाइम डिजीज से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात, जानिए शरीर को कैसे प्रभावित करती है ये बीमारी

बरसात के दिनों में कीड़े-मकौड़ों का काटना आम समझा जाता है. पार्क में घूमते हुए तो कभी घर की बालकनी में कीड़े काट लेते हैं. जहां ये कीड़े काटते हैं वहां लाल चकत्ते पड़ जाते हैं...हम और आप में से ज्यादातर लोग इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेते.

Lyme disease/Unsplash
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST
  • यह बैक्टीरिया शरीर के हर टिशूज में जा सकता है.
  • हर 10 में से 1 व्यक्ति लाइम डिजीज से पीड़ित

बरसात के दिनों में कीड़े-मकौड़ों (Ticks) का काटना आम है. इनके काटने की वजह से शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. हम और आप में से ज्यादातर लोग इसे बहुत गंभीरता से नहीं लेते. हमें लगता है कि ये खुद ब खुद ठीक हो जाएंगे लेकिन कई बार इसकी अनदेखी जानलेवा बन सकती है.

टिक्स के काटने से लाइम डिजीज
टिक्स खून चूसने वाले पैरासाइट होते हैं और जब इंसानों में बीमारियां फैलाने की बात आती है तो वे मच्छरों के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं. ये जब काटते हैं तो आपको एहसास भी नहीं होता. इन दिनों अमेरिका जैसे कई देशों में यह पैरासाइट चिंता का विषय बने हुए हैं. इन टिक्स के काटने से लोगों को लाइम डिजीज हो रहा है. भारत में भी लाइम डिजीज (Lyme Disease) के कई मामले सामने आ चुके हैं. पार्कों में मौजूद घास में कई बार ये बैक्टीरिया चिपककर बैठे होते हैं. हर 10 में से 1 इंसान इस डिजीज से पीड़ित हो सकता है. 

शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं
लाइम डिजीज बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) नाम के बैक्टीरिया की वजह से होता है. यह बैक्टीरिया चूहे, हिरण और दूसरे जानवरों पर मौजूद कीट से फैलता है. इस बैक्टीरिया के काटते ही शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं उसमें लिक्विड भर जाता है और सूजन आ जाती है. इसकी वजह से मरीज को बुखार, सिरदर्द, थकान और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण दिखने लगते हैं. इसके लक्षण तीन से चार दिन में दिखने शुरू होते हैं और महीनों तक बने रह सकते हैं. 

लाइम डिजीज के लक्षण
यह बैक्टीरिया शरीर के हर टिशूज में जा सकता है. धीरे-धीरे यह हमारे लिवर और नर्वस सिस्टम को अपनी चपेट में ले लेता है. लाइम डिजीज में सबसे पहले हमारे शरीर पर लाल निशान पड़ता है, जो दिखने में तो मच्छर के काटने जैसा लगता है लेकिन कुछ दिनों बाद फ्लू, सर्दी, खांसी, सिरदर्द होने लगता है. गंभीर मामलों में मेमोरी लॉस भी हो सकता है. लाइम रोग से चेहरे पर पैरालिसिस, हार्ट संबंधी परेशानियां, थकान और हाथों और पैरों में पिन चुभने जैसा दर्द हो सकता है.

लाइम डिजीज का मामला पहली बार अमेरिका में 1975 में सामने आया था. इस बीमारी का नाम अमेरिका में कनेक्टिकट के लाइम शहर के नाम पर रखा गया है.

हर 10 में से 1 व्यक्ति लाइम डिजीज से पीड़ित
लाइम गंभीर मामलों में ही घातक होता है अगर लक्षण पहचानकर एंटीबायोटिक दवाओं से तुरंत इलाज किया जाए तो अधिकांश लोग ठीक हो जाते हैं. इसका इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाता है, रिकवरी भी उतनी ही जल्दी और आसानी से होती है. हालांकि यह इंफेक्शन किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है.

इस बीमारी से बचाव के उपाय

  • अपने कपड़ों को पर्मेथ्रिन से सुरक्षित रखें, जिससे टिक दूर रहती हैं.

  • घर से बाहर निकलें तो पूरी बाजू के कपड़े पहनें.

  • बरसात के मौसम में नंगे पैर घास पर चलने से बचें.

  • अगर पालतू जानवर घास से आए हैं तो उन्हें नहलाएं.

 

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