बहुत समय से इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि पुरुषों के लिए भी कोई गर्भनिरोधक दवा हो, ऐसे में उनके लिए गर्भनिरोधक दवा की खोज हो गई है. एक स्टडी में पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक दवा तैयार करने की बात कही जा रही है. इसमें कहा जा रहा है कि यह दवा अस्थाई रूप से शुक्राणु को रोकती है. इतना ही नहीं यह गर्भधारण को भी रोकती है. इस दवा को सेक्स से 30 मिनट पहले खाने से कम से कम दो घंटे तक प्रेग्नेंसी को रोका जा सकता है. इस शोध से संबंधित सारी जानकारी नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित की गई है. यह शोध अमेरिकी मेडिकल एजेंसी (NIH) की ओर से किया गया है.
इस स्टडी के सह-वरिष्ठ लेखक डॉ. जोचेन बक और डॉ. लोनी लेविन (दोनों वेइल कॉर्नेल मेडिसिन में फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर) का कहना है कि यह खोज गेम चेंजर है. दोनों का कहना है कि इससे पहले पुरुषों के लिए केवल दो ही विकल्प थे या तो पुरुष कंडोम का इस्तेमाल करे या फिर नसबंदी करा ले. डॉ. बन ने कहा कि पुरुषों के लिए गर्भ निरोधक पर शोध कभी रूकी नहीं थी. ऐसे में चूकि पुरुष गर्भावस्था से जुड़े जोखिमों को नहीं सहते हैं क्योंकि यह दर्द केवल महिलाओं को ही होती है इसलिए शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों में संभावित गर्भनिरोधक के दुष्प्रभावों को झेलने की क्षमता कम होगी.
चूहों पर किया गया प्रशिक्षण
इस स्टडी को चूहों पर किया गया है, जिसमें यह पता चला है कि टीडीआई 11861 नामक एक एसएसी अवरोधक की एक खुराक चूहों की दी गई थी. ऐसे में यह देखा गया है कि यह एक खुराक चूहों के शुक्राणु को ढाई घंटों तक स्थिर करती है और यह प्रभाव संभोग के बाद मादा चूहे के प्रजनन दर में बना रहता है. स्टडी में आगे यह भी पाया गया है कि करीब तीन घंटे बाद कुछ शुक्राणु फिर से गतिशीलता शुरू कर देते हैं. 24 घंटे में तक लगभग सभी शुक्राणुओं ने सामान्य गति प्राप्त कर ली है. स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि खुराक दिए हुए चूहों को जब मादा चूहों के साथ छोड़ा गया था तो उन लोगों ने सामान्य संभोग व्यवहार का प्रदर्शन किया. ऐसे में करीब 52 अलग-अलग संभोग के प्रयासों के बाद भी मादा चूहों को गर्भवती नहीं पाया गया. चूहों पर इस गोली का किसी तरह का कोई नेगेटिव प्रभाव नहीं देखने को मिला है. शोधकर्ताओं ने इस पिल को 100 फीसदी प्रभावी माना है.