देश मे टीकाकरण की गति को और तेज करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 की आज शुरुआत की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसकी शुरुआत की है. इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने मिशन इंद्रधनुष पोर्टल भी लांच किया. बिहार में मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत सात फरवरी से नियमित टीकाकरण को गति देने के लिए अभियान शुरू होगा. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में एक साथ यह अभियान संचालित किया जाएगा.
कोरोना वैक्सीन से जहां एक तरफ वयस्क सुरक्षित हो रहे हैं, लेकिन बच्चे अभी तक खतरे में हैं. ऐसे में नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों तक लाभ पहुंचाने के लिए सघन मिशन इन्द्रधनुष 4.0 चलाया जाएगा. बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नियमित टीकाकरण काफी जरूरी है. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे अभिभावक हैं जो बच्चों को टीका नहीं लगवा पा रहे हैं. इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए मिशन इंद्रधनुष 4.0 का आयोजन किया जा रहा है. इस अभियान के जरिए नियमित टीकाकरण से वंचित बच्चों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.
सात फरवरी से शुरू होगा मिशन इंद्रधनुष 4.0
सात फरवरी से मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान शुरू होगा. तीन चरणों में अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान में उन गर्भवती महिलाओं को भी शामिल किया जाएगी जो किन्हीं कारणों से टीका नहीं लगवा पायीं हैं. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़े स्तर पर तैयारी की है. इंद्रधनुष टीकाकरण 4.0 अभियान के तहत 0-2 साल तक की उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा. वैक्सीन से वंचित इन महिलाओं का सर्वे कर विशेष टीकाकरण सत्रों में उनका टीकाकरण किया जाएगा. कोरोना महामारी के कारण नियमित टीकाकरण में हुई कमी को पूरा करने के लिए इस अभियान के तहत फोकस किया जाएगा.
तीन चरणों में किया जाएगा टीकाकरण
टीकाकरण का पहला चरण 7 से 13 फरवरी तक चलेगा. अभियान का दूसरा चरण 7 से 13 मार्च ओर तीसरा चरण 4 से 10 अप्रैल तक चलेगा. मिशन के तहत बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, पेंटावेलेंट, एफआईपीवी, आरवीवी, पीसीवी, रोटा वायरस, विटामीन ए, एमआर के टीके लगाए जाएंगे. वहीं गर्भवती महिलाओं को टीडी 1, टीडी 2 और बूस्टर टीडी के टीके भी लगाएं जाएंगे. इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी, आंगवाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी का दल महिलाओं और बच्चों के घर जाकर टीकाकरण करेंगे. इस अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी पूरा सहयोग कर रहे हैं.
33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा आयोजन
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीन दौर होंगे और ये 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 416 जिलों में आयोजित किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम लागू कर रहा है जहां हम सालाना 3 करोड़ से ज्यादा गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) के माध्यम से कवर करते हैं. पहले दौर (फरवरी-अप्रैल 2022) में, 11 राज्य असम, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ सघन मिशन इन्द्रधनुष 4.0 का आयोजन करेंगे. अन्य (22 राज्य) अप्रैल से मई तक राउंड आयोजित करेंगे. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पुडुचेरी, दिल्ली, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश शामिल हैं.
क्या हैं इस मिशन के फायदे?
* कोरोना महामारी के कारण नियमित टीकाकरण में हुई कमी को पूरा करने के लिए मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तहत फोकस किया जाएगा.
* 0-2 साल के बच्चों, गर्भवती महिलाओं को लगाए जाएंगे टीके.
* सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान में उन्हीं बच्चों को शामिल किया गया हैं, जो नियमित टीकाकरण से किसी भी कारणवश वंचित रह जाते हैं.
* मिशन के तहत बच्चों को नौ तरह की बीमारियों से बचाने के लिए बीसीजी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, पेंटावेलेंट, एफआईपीवी, आरवीवी, पीसीवी, रोटा वायरस, विटामीन ए, एमआर के टीके लगाए जाएंगे.
* वहीं गर्भवती महिलाओं को टीडी 1, टीडी 2 ओर बूस्टर टीडी के टीके भी लगाएं जाएंगे.
* इंद्रधनुष मिशन के तहत टीके लगाने से गर्भवती महिलाओं के साथ बच्चों में इम्युनिटी डेवलप होगी.