मंकीपॉक्स को लेकर रिसर्च में हुआ नया खुलासा, कंप्यूटर, कॉफी मग के जरिए वायरस के फैलने का खतरा

डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स पहले ही ये साफ कर दिया है कि ये वायरस 'दूषित वातावरण' से ज्यादा फैलता है. यानी अगर कोई बिमार व्यक्ति के सोफे, कंबल, कॉफी मशीन, कंप्यूटर माउस और लाइट स्विच को छूता है या इस्तेमाल करता है तो वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा होता है.

Monkeypox can spread by touching objects
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST

अमेरिका की सीडीसी कंपनी ने मंकीपॉक्स पर एक नया रिसर्च किया है. इस नए रिसर्च से पता चलता है कि मंकीपॉक्स का वायरस कई दिनों तक घरेलू सामानों पर जिंदा रह सकता है. 

सीडीसी  ने इस अध्ययन के लिए, दो मंकीपॉक्स रोगियों के घर का इस्तेमाल किया. इस रिसर्च में ये पाया गया कि मंकीपॉक्स  ठीक होने के 20 दिन बाद  भी घर के 70 प्रतिशत हिस्सों में वायरस पाया गया. इनमें सोफे, कंबल, कॉफी मशीन, कंप्यूटर माउस और लाइट स्विच शामिल थे. 

तो क्या इन वायरस से खतरा हो सकता है 

अध्ययन के दौरान घर की चीजों और सतहों पर पाया गया वायरस मर चुका था, जिससे इस बात का निषकर्ष निकाला गया कि ये वायरस सक्रंमण नहीं फैलाते. अध्ययन के बाद, अमेरिकी रोग नियंत्रण निकाय सीडीसी ने मंकीपॉक्स वाले किसी सक्रंमित के घर जाने वाले लोगों को सलाह दी कि वे "अच्छी तरह से फिटिंग वाला मास्क पहनकर ही उनके घर जाएं, और इंफेक्शन वाली जगहों को ना छूए. खासतौर से खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर को छूने और इस्तेमाल करने से बचें. 

डब्ल्यूएचओ ने पहले ही ये साफ कर दिया है कि 'दूषित वातावरण' से वायरस के फैलने का खतरा होता है.  इसका मतलब ये होता है कि जब कोई संक्रामक व्यक्ति कपड़ों, बिस्तरों, तौलिये, घर की चिजों, इलेक्ट्रॉनिक्स और सतहों को छूता है , और इन जगहों को अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति छू ले तो उसके बीमार होने का खतरा ज्यादा होता है. 

 

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