Study: ज्यादातर भारतीय जरूरत से ज्यादा खा रहे हैं नमक, स्टडी में खुलासा

नेचर पोर्टफोलियो जर्नल में छपी एक स्टडी से पता चला है कि ज्यादातर भारतीय रोजाना जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन करते हैं. इस स्टडी में पाया गया कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं. जबकि बेरोजगारों के मुकाबले नौकरीपेशा ज्यादा नमक खा रहे हैं.

स्टडी में खुलासा हुआ है कि ज्यादातर भारतीय जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

भारत में नमक के इस्तेमाल को लेकर एक स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. स्टडी के मुताबिक भारत के लोग जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं. औसतन एक भारतीय रोजाना 8 ग्राम नमक खाता है. जबकि बॉडी को रोजाना 5 ग्राम नमक ही जरूरी है. नेचर पोर्टफोलियो जर्नल में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर भारतीय रोजाना जरूरत से 3 ग्राम ज्यादा नमक खा रहे हैं.

महिलाओं के मुकाबले ज्यादा नमक खा रहे पुरुष-
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह स्टडी एक सैंपल सर्वे पर आधारित है, जो नेशनल एनसीडी मॉनिटरिंग सर्वे का हिस्सा है. इसमें रिसर्चर्स ने 3 हजार लोगों में यूरिनरी सोडियम की निगरानी की. इसके अलावा दूसरी चीजों पर भी नजर रखी गई. इसमें ग्लोबल लेवल के फॉर्मूले का इस्तेमाल करके नमक के इस्तेमाल का अनुमान लगाया गया था. स्टडी के मुताबिक सोशियो डेमोग्राफिक प्रोफाइल के सभी लोगों में जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन देखा गया. स्टडी में ये भी पाया गया कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं. जहां महिलाएं रोजाना 7.9 ग्राम नमक का सेवन कर रही हैं, वहीं पुरुष रोजाना 8.9 ग्राम नमक का सेवन कर रहे हैं. 

नौकरीपेशा, बेरोजगार कितना नमक खाते हैं-
इसके अलावा नौकरीपेशा, तंबाकू सेवन करने वाले, मोटापा से परेशान और बेरोजगारों के नमक के सेवन को लेकर स्टडी में खुलासा हुआ है. नौकरीपेशा रोजाना 8.6 ग्राम नमक का सेवन करते हैं. जबकि तंबाकू खाने वाले रोजाना 8.3 ग्राम नमक खाते हैं. जो लोग मोटापे से परेशान हैं, वो 9.2 ग्राम नमक रोजाना सेवन करते हैं. ब्लड प्रेशर के मरीजों के रोजाना 8.5 ग्राम नमक के सेवन की बात सामने आई है. स्टडी में ये भी सामने आया है कि इन लोगों के मुकाबले बेरोजगार कम नमक का सेवन कर रहे हैं.

जागरूकता से कम हो सकता है नमक का सेवन-
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक आईसीएमआर-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. प्रशांत माथुर ने बताया कि आहार सोडियम खपत में रोजाना कम से कम 1.2 ग्राम की सार्वभौमिक कमी करने से एंटी-हाइपरटेंसिव ट्रीटमेंट की जरूरत वाले लोगों में 50 फीसदी की कमी लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने फूड लेबलिंग में प्रभावी पॉलिसी में बदलाव की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जागरूरकता ज्यादा नमक की खपत को रोकने में प्रभावी हो सकती है. आपको बता दें कि नेचर पोर्टफोलियो स्टडी की अगुवाई डॉ. प्रशांत माथुर ने कही की है.

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