मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के बाद केंद्र सरकार भी सतर्क हो गई है. Mpox के बढ़ते मामलों के बीच देश के सभी पोर्ट और एयरपोर्ट पर अलर्ट जारी किया गया है. इस बीच अच्छी खबर ये है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने मंकीपॉक्स (Mpox) वैक्सीन बनाने का ऐलान किया है. ये वही कंपनी है जिसने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड बनाई थी.
सालभर में तैयार हो जाएगी वैक्सीन
कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा- मंकीपॉक्स के ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित होने के बाद लाखों लोगों की मदद करने के लिए हम एक वैक्सीन तैयार कर रहे हैं. उम्मीद है कि एक साल के अंदर हम इसे बना लेंगे. इस टीके का उद्देश्य एमपॉक्स के प्रकोप से होने वाले जोखिमों को दूर करना है.
सरकार ने संदिग्ध एमपॉक्स मामलों को अलग करने के लिए आधिकारिक दिशानिर्देश जारी किए हैं. पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है. राहत की खबर ये है कि फिलहाल भारत में अभी मंकीपॉक्स से कोई संक्रमित नहीं है.
मंकीपॉक्स के नए स्ट्रेन CLADE 1B ने दुनियाभर में डर पैदा कर दिया है. ये वायरस यौन संबंधों के जरिए भी फैल सकता है. एमपॉक्स संक्रमण से बचाव के लिए टीके मौजूद हैं, लेकिन वर्तमान में कोई भी टीका विशेष रूप से मंकीपॉक्स वायरस को टारगेट नहीं करता है.
दिल्ली के अस्पताल अलर्ट पर
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मंकीपॉक्स को लेकर तमाम तैयारियां की गई हैं. दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं. अगर किसी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं या संदिग्ध मरीज आता है तो उसे इन बेड्स पर शिफ्ट किया जाएगा. संदिग्ध मरीजों के इलाज के वक्त डॉक्टरों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा. एमपॉक्स मरीजों के लिए डेडिकेटेड एंबुलेस भी हर वक्त तैनात रहेंगे.
मंकीपॉक्स के कुछ सामान्य लक्षण
सिरदर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकावट, गले में सूजन, चकत्ते, ठंड लगना मंकीपॉक्स के कुछ सामान्य लक्षणों में से हैं. एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था. इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने पहली बार 1958 में की थी जब बंदरों में 'पॉक्स जैसी' बीमारी का प्रकोप हुआ था.
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित वस्तुएं, निकट संपर्क, और शरीर के तरल पदार्थों से फैल सकता है. 21 से 22 दिन तक मंकी पॉक्स का असर रहता है. एचआईवी, टीबी चेस्ट, गर्भवती महिलाएं या कैंसर के मरीजों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. अपने आस-पास किसी जानवर या पालतू जानवर के खुजली है तो उससे दूर रहें. अपने आस-पास साफ सफाई रखें.