क्या सच में केवल खान-पान से सही हो सकता है चौथे स्टेज का Cancer? Navjot Singh Sidhu की बात में कितनी सच्चाई? डॉक्टर से जानें 

नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयान ने मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है. मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज को केवल व्यक्तिगत अनुभवों तक न रखा जाए, इसे लेकर उन्होंने चेतावनी भी दी है.

Cancer Awareness
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
  • कैंसर जादुई फॉर्मूले से नहीं होता ठीक
  • कैंसर से जुड़े मिथकों पर ध्यान न दें

पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने हाल ही में घोषणा की कि उनकी पत्नी, नवजोत कौर सिद्धू ने कैंसर को हरा दिया है. एक साल की मुश्किल लड़ाई के बाद नवजोत कौर सिद्धू (Navjot Kaur Sidhu) ने स्टेज-4 कैंसर (Stage-4 Cancer) मात दी है. वे अब पूरी तरह स्वस्थ हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में, नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि उनकी पत्नी दवाइयों से नहीं बल्कि डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से ठीक हुई हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के मुताबिक, वे घरेलू नुस्खों से ठीक हुई हैं.

हालांकि, उनके इस बयान ने मेडिकल क्षेत्र में एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है. मेडिकल एक्सपर्ट्स (Medical Experts) का कहना है कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज को केवल व्यक्तिगत अनुभवों तक न रखा जाए, इसे लेकर उन्होंने चेतावनी भी दी है. मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन, डॉ. हरित चतुर्वेदी ने इसे लेकर GNT डिजिटल से बात की. 

दरअसल, अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में, नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि डॉक्टरों ने उनकी पत्नी के केवल 3% जीवित रहने की संभावना बताई थी. इसके बावजूद, नवजोत कौर सिद्धू ने एक अच्छे लाइफस्टाइल और खानपान से कैंसर को हरा दिया. 

कैंसर जादुई फॉर्मूले से नहीं होता ठीक
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर के चेयरमैन ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. हरित चतुर्वेदी (Dr. Harit Chaturvedi) ने इसे लेकर कहा, “कैंसर एक ही जादुई फॉर्मूले से ठीक होने वाली बीमारी नहीं है. इसके इलाज की स्ट्रेटेजी कैंसर के प्रकार, जेनेटिक म्यूटेशन, जिस ऑर्गन में कैंसर हुआ है और बीमारी की स्टेज पर निर्भर करती है. इसके अलावा, एक मल्टीडिसीप्लिनरी टीम हर व्यक्ति के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और दूसरे ट्रीटमेंट को मिलाकर टार्गेटेड स्ट्रेटेजीज (Targeted Strategies) तैयार करती है.

(फोटो- नवजोत सिंह सिद्धू सोशल मीडिया)

डॉ. हरित चतुर्वेदी के मुताबिक, पिछले तीन दशकों में मॉडर्न मेडिसिन की वजह से कैंसर रोगियों (Cancer Patients) के इलाज में काफी सुधार हुआ है. शुरुआती स्टेज में 80% से ज्यादा चांस होते हैं कि व्यक्ति ठीक हो जाए. जबकि स्टेज III और IV में यह दर 50% है. 

कैंसर से जुड़े मिथकों पर ध्यान न दें 
डॉ. चतुर्वेदी ने बिना वैज्ञानिक जांच के व्यक्तिगत कहानियों को सनसनीखेज बनाने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने कहा, "कैंसर का डर कई मिथकों को जन्म देता है. नवजोत सिंह सिद्धू जैसे पब्लिक फिगर्स को इस तरह के कथनों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव के प्रति सतर्क रहना चाहिए. रिपोर्टों के अनुसार, नवजोत कौर सिद्धू का इलाज ऑन्कोलॉजिस्ट की एक टीम द्वारा स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का उपयोग करके किया गया था, जिसमें कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडिएशन शामिल थे. पॉपुलर लोगों द्वारा दी गई अधूरी कहानियां जनता को गुमराह कर सकती हैं.”

डाइट हेल्दी रहने के लिए जरूरी है लेकिन और भी चीजें हैं… 
हालांकि ऑन्कोलॉजिस्ट इस बात से सहमत हैं कि हेल्दी डाइट बनाए रखना और स्ट्रेस कम करना पूरी हेल्थ के लिए जरूरी है, लेकिन ये मेडिकल ट्रीटमेंट की जगह नहीं ले सकते हैं. डॉ. हरित चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि लाइफस्टाइल में बदलाव रिकवरी को बेहतर बनाने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन ये कैंसर का अकेला इलाज नहीं हैं.

हालांकि रिकवरी की कहानियों का जश्न मनाना जरूरी है, लेकिन इनमें तथ्यों और एक्सपर्ट्स की राय को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. 

डॉ. चतुर्वेदी ने सभी से आग्रह करते हुए कहा, “यह एक गंभीर बीमारी है, और हमें सतर्कता से काम करना चाहिए. व्यक्तिगत अनुभवों और एक्सपर्ट्स की राय दोनों को साथ में लेकर चलने वाली कहानियों को बाहर लाया जाना चाहिए. ऐसी कहानियों को जिम्मेदारी के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए."

(डॉक्टर्स कमेंट: सार्वजनिक हस्तियों और मीडिया की यह जिम्मेदारी है कि ऐसी कहानियां प्रेरणा देती हैं, लेकिन गलत जानकारी को बढ़ावा न दें. व्यक्तिगत सफलताओं का जश्न मनाने और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित जानकारी प्रस्तुत करने के बीच बैलेंस बना रहना चाहिए.)


 

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