दुनिया भर के वैज्ञानिक COVID-19 के वैरिएंट JN.1 को लेकर परेशान हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड का ये नया वैरिएंट पहले के वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक हो सकता है. इतना ही नहीं वैक्सीन का भी इसपर कुछ असर नहीं पड़ता. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, हाल ही में अमेरिका समेत दूसरे देशों में कोरोना वायरस का जेएन.1 स्ट्रेन पाया गया है. ये वैरिएंट दुनिया भर में लोगों को फिर से डरा रहा है.
तेजी से फैल सकता है JN.1
नया कोविड वैरिएंट BA.2.86 का फैमिली से है, जिसे 'पिरोला' नाम से भी जाना जाता. ये ओमिक्रॉन से आया है. अभी अमेरिका में JN.1 और BA.2.86 के केसेज कम हैं. वास्तव में, JN.1 का पता इतनी कम बार चला है कि यह SARS-CoV-2 वायरस का 0.1 प्रतिशत से भी कम है. इस वैरिएंट में तेजी से फैलने की क्षमता है, जो लोगों की चिंता को और बढ़ा रही है. नए कोविड वैरिएंट की पहचान 25 अगस्त 2023 को लक्जमबर्ग में हुई थी. जेएन.1 भले ही एक पैरेंट फैमिली से है इसके बावजूद इसे चानाक स्ट्रेन माना जाता है.
कोविड टीके संक्रमण से बचाने में कारगर
ऐसा कहा जा रहा है कि BA.2.86 और JN.1 में सिर्फ स्पाइक प्रोटीन का एक ही बदलाव हुआ है. वायरस की सतह पर नजर आने वाले नुकीले स्पाइक्स किसी इंसान को संक्रमित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. सीडीसी के अनुसार कोविड टीके BA.2.86 से बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं और ये JN.1 के खिलाफ भी कारगर हैं.
क्या है JN.1 के लक्षण
कोविड के इस वैरिएंट के लक्षण बाकी वैरिएंट की तरह ही हैं. सीडीसी के अनुसार, बुखार या ठंड, गल में खराश, सांस लेने में कठिनाई, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, स्वाद चले जाना, गले में खराश, नाक बंद, मतली या उल्टियां, और पेट जैसे लक्षण हैं.