COVID-19 और कैंसर दोनों से लड़ सकती है यह नई दवा, स्टडी में आया सामने

शोधकर्ताओं ने टेस्ट के लिए जीआरपी78 प्रोटीन के उत्पादन को कम करने के लिए आरएनए उपकरण का उपयोग किया. जब उन कोशिकाओं को बाद में SARS-CoV-2 से संक्रमित किया गया, तो जीआरपी 78 प्रोटीन ने वायरल स्पाइक प्रोटीन की कम मात्रा का उत्पादन किया.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST
  • कोरोना और कैंसर दोनों में आ सकता है काम
  • यह शरीर में कोरोना को बढ़ने से भी रोक सकती है.

वैक्सीनेशन COVID-19 के खिलाफ एक तरह से हथियार की तरह है. लेकिन शोधकर्ता अभी भी गंभीर संक्रमणों के इलाज के प्रभावी तरीकों के लिए टीके की खोज कर रहे हैं. ये उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो किसी वजह से कोविड टीकाकरण नहीं करवा सके हैं. नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक GRP78 संभावित रूप से COVID-19 के साथ-साथ कैंसर के इलाज के लिए भी कारगर साबित हो सकती है. 

शरीर में ऐसे काम करता है GRP78

SARS-CoV-2 को लेकर एक बड़ी समस्या ये रही है कि यह हर बार नए वेरिएंट के साथ लोगों पर हमला कर रहा है. COVID-19 का मुकाबला करने के लिए रिसर्चर्स ने GRP78 पर शोध शुरू किया. GRP78 एक तरह का Cellular Protein है. यह वायरस के प्रोटीन को तैयार करने वाले उस हिस्से (सेल्युलर शेपरोन) को रोकती है जिसकी वजह से यह संक्रमण फैलाता है. वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने के लिए GRP78 प्रोटीन की जरूरत होती है. अध्ययन में दावा किया गया है कि जीआरपी78 शरीर में पुन: संक्रमण को रोक सकती है, इतना ही नहीं ये कोविड के विषाणु को भी बहुत कम कर सकती है.

वायरल के बाद शरीर में तेज होता है GRP78 का उत्पादन

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह शरीर में कोरोना को बढ़ने से भी रोक सकती है. दरअसल स्वस्थ कोशिकाओं को सामान्य रूप से काम करने के लिए GRP78 के एक अंश की आवश्यकता होती है. जब हम तनाव में होते हैं तो GRP78 की ज्यादा जरूरत होती है. शोधकर्ताओं ने 2021 के एक अध्ययन में बताया था कि जब SARS-CoV-2 शरीर में प्रवेश करता है, तो SARS-CoV-2 वायरस को कोशिकाओं में लाने के लिए GRP78 को अन्य सेलुलर रिसेप्टर्स के साथ मिलकर काम करना पड़ता है. ताजा रिसर्च में यह पाया गया है कि जैसे-जैसे शरीर में वायरल संक्रमण तेज होता है, संक्रमित कोशिकाएं GRP78 का ज्यादा उत्पादन करती हैं.

कैसे किया गया शोध

शोधकर्ताओं ने टेस्ट के लिए जीआरपी78 प्रोटीन के उत्पादन को कम करने के लिए आरएनए उपकरण का उपयोग किया. जब उन कोशिकाओं को बाद में SARS-CoV-2 से संक्रमित किया गया, तो जीआरपी 78 प्रोटीन ने वायरल स्पाइक प्रोटीन की कम मात्रा का उत्पादन किया. ये मात्रा इतनी कम थी कि इससे अन्य कोशिकाओं के संक्रमित होने की संभावना कम हो गई. इससे यह साबित हुआ कि जीआरपी78 वायरल को री प्रोड्यूस करने के लिए जरूरी है. जीआरपी78 एक प्रो वायरल प्रोटीन है जो वायरस को री प्रोड्यूस करने के लिए जरूरी है. 

कोरोना और कैंसर दोनों में आ सकता है काम

क्या GRP78 को टारगेट करना COVID के इलाज में काम आ सकता है? इसके लिए शोधकर्ताओं ने संक्रमित फेफड़ों की कोशिकाओं पर HA15 का परीक्षण किया. कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ उपयोग के लिए विकसित की गई यह दवा विशेष रूप से GRP78 को रोकती है. रिसर्च में पाया गया कि यह दवा संक्रमित कोशिकाओं में बनने वाली SARS-CoV-2 को कम करने में बहुत प्रभावी थी. इसका सामान्य कोशिकाओं पर कोई हानिकारक प्रभाव भी नहीं देखा गया. इस दवा का चूहों पर भी प्रयोग किया गया और इसके नतीजे हैरान करने वाले थे. हमें उम्मीद है कि HA-15 कोरोना और कैंसर दोनों के मरीजों के लिए राहत देने वाली दवा साबित होगी. GRP78 को लक्षित करने से घातक कैंसर से निपटने में भी मदद मिल सकती है.

 

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