ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने निपाह वायरस (Nipah Virus) का पहला ह्यूमन-वैक्सीन ट्रायल शुरू किया है. ChAdOx1 NipahB वैक्सीन के ट्रायल में 18 से 55 साल के 51 लोग शामिल होंगे. ये वायरस भारत सहित कई एशियाई देशों को प्रभावित कर चुका है. इस ट्रायल को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप लीड करेगा. इस ग्रुप को CEPI फंड दे रहा है. ये वैक्सीन ट्रायल इस बीमारी को रोकने में मील का पत्थर साबित हो सकती है. अगर इसकी टेस्टिंग सफल रही तो यह निपाह वायरस की पहली वैक्सीन होगी.
कई एशियाई देशों में है इसका प्रकोप
निपाह वायरस एक जानलेवा बीमारी है जो लगभग 75 प्रतिशत मामलों में घातक हो सकती है. सिंगापुर, मलेशिया, बांग्लादेश और भारत सहित एशिया के कई देशों में इसका प्रकोप देखने को मिलता है. निपाह वायरस फल वाले चमगादड़ों से फैलता है और यह संक्रमित जानवरों संपर्क में आने या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में निकट संपर्क के जरिए भी फैल सकता है.
पहली बार 1998 में सामने आया था ये वायरस
25 साल पहले से मलेशिया और सिंगापुर में निपाह वायरस के मामले सामने आते हैं लेकिन अब तक इसकी कोई वैक्सीन या इलाज उपलब्ध नहीं है. डॉक्टर अलग-अलग दवाओं के जरिए निपाह वायरस के लक्षणों को कंट्रोल करने की कोशिश करते रहे हैं. निपाह वायरस की पहचान पहली बार 1998 में की गई थी. उच्च मृत्यु दर और तेजी से फैसले वाले संक्रमण के कारण निपाह वायरस को महामारी वाले रोगजनक के रूप में जाना जाता है. फ्रूट बैट उन जगहों में पाए जाते हैं जहां दो अरब से ज्यादा लोग रहते हैं. पिछले साल सितंबर महीने में भारत में निपाह वायरस से छह लोग संक्रमित हुए थे और दो की मौत हुई थी.
शोधकर्ताओं ने कहा कि वैक्सीन ChAdOx1 प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती है. ये वही वायरल वेक्टर वैक्सीन प्लेटफॉर्म है जिसका इस्तेमाल ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन के लिए किया गया था. ये प्रोजेक्ट अगले 18 महीनों तक चलेगा और निपाह वायरस से प्रभावित देशों में इसका परीक्षण किया जाएगा.
निपाह वायरस के लक्षण
झपकी आना, बुखार, सिर दर्स, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी जैसा महसूस होना, गले में जख्म जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा मरीजों को चक्कर आना या भटकाव का अनुभव हो सकता है. इस वायरस के संपर्क में आने के 3 से 14 दिन बाद मरीज को बुखार शुरू होने लगता है.