No Smoking Day 2024: जहर से कम नहीं है सिगरेट का धुंआ, दुनिया के इन देशों में है कड़ी एंटी-स्मोकिंग पॉलिसी, कई में तो पूरी तरह बैन है तम्बाकू

भारत में करीब 26 करोड़ से ज्यादा लोग तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं. हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के कारण अपनी जान गवां देते हैं. धूम्रपान अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों का कारण बनता है.

No Smoking Day 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:35 AM IST
  • पैसिव स्मोकिंग भी है खतरनाक 
  • कई देशों में है एंटी-स्मोकिंग पॉलिसी 

आजकल जवान से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक के हाथ में सिगरेट नजर आ जाती है. कई लोगों को तो इसकी आदत भी हो जाती है. हालांकि, ये स्वास्थ्य के लिए एक जहर की तरह काम करती है. धूम्रपान अक्सर फेफड़ों के कैंसर का कारण बनता है. लेकिन जिन लोगों को सिगरेट पीने की आदत होती है उन्हें इसे छोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है. सिगरेट की लत छोड़ना एक मुश्किल काम है. इसके हानिकारक प्रभाव के बारे में जानते हुए भी धूम्रपान छोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है. इसीलिए धूम्रपान तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 'धूम्रपान निषेध दिवस' यानि ‘नो स्मोकिंग डे’ मनाया जाता है. 

पैसिव स्मोकिंग भी है खतरनाक 

बता दें, भारत में करीब 26 करोड़ से ज्यादा लोग तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं. हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के कारण अपनी जान खो देते हैं. धूम्रपान अक्सर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का कारण बनता है. हर साल विश्व स्तर पर 13 मार्च को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है. यह दिन तंबाकू से लोगों के जीवन पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभाव के बारे में बात करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डेटा के अनुसार, हर साल 80 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू से संबंधित बीमारियों का शिकार होते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से लगभग 12 लाख मौतें निष्क्रिय धूम्रपान (पैसिव स्मोकिंग) के कारण होती हैं. पैसिव स्मोकिंग में व्यक्ति तंबाकू उत्पादों से निकलने वाले धुएं में सांस लेता है. हालांकि, कई देशों में स्मोकिंग को लेकर कड़े कानून हैं. इन देशों में एंटी-स्मोकिंग पॉलिसी लागू की गई है. 

इन देशों में है एंटी-स्मोकिंग पॉलिसी 

1. कनाडा

कनाडा ने न केवल तम्बाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य चेतावनियों अनिवार्य की हैं बल्कि फिल्टर पेपर पर सीधे चेतावनियां छापकर तम्बाकू कंट्रोल करने की कोशिश की है. इसकी मदद से धूम्रपान की आदतों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है.

2. ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में, ऑफिस, स्कूलों और हवाई अड्डों जैसे बंद सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना सख्त वर्जित है. देश के कड़े नियमों का उद्देश्य धूम्रपान-मुक्त वातावरण बनाना है, विशेष रूप से सीमित वेंटिलेशन वाले क्षेत्रों में. साथ ही इनका लक्ष्य प्रभावी ढंग से सेकेंडहैंड धुएं के जोखिम को कम करना है.

3. फ्रांस

2007 से, फ्रांस ने स्कूलों और ऑफिस सहित सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लागू कर दिया है. 2032 तक तम्बाकू मुक्त पीढ़ी बनाने की दृष्टि से, देश ने जंगलों और हरे क्षेत्रों जैसे बाहरी स्थानों पर अपने प्रतिबंधों को बढ़ा दिया है. इसके नागरिकों के बीच धूम्रपान की आदत कम हो सकेगी. 
 
4. आइसलैंड

आइसलैंड ने 2004 में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस साहसिक पहल से सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही धूम्रपान मुक्त वातावरण बनाया जा रहा है. 

5. जापान

तम्बाकू की खपत को कम करने की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए, जापान ने तम्बाकू उत्पादों पर हाई टैक्स लगाया है. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लागू किया है. इन उपायों का उद्देश्य धूम्रपान की आदतों को कम करना और धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान न करने वालों दोनों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है.

6. मेक्सिको

मेक्सिको में तम्बाकू के विज्ञापन और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान सख्त वर्जित है. पूरी तरह से तम्बाकू पर प्रतिबंध लागू करके, मेक्सिको का लक्ष्य तंबाकू के उपयोग पर अंकुश लगाना है. साथ ही अपने नागरिकों के लिए स्वस्थ वातावरण बनाना है.

7. रूस

रूस ने सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाकर और तंबाकू से संबंधित उत्पादों पर टैक्स को बढ़ा दिया है. ये उपाय डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुरूप हैं. 

8. ब्रिटेन 

यूके ने तंबाकू की खपत को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को लागू किया है. इसमें 2007 से तंबाकू उत्पादों के खुले में रखने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है. इसके अलावा, बंद सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध है. 

9. अमेरिका

अमेरिका में, लगभग 30 राज्यों ने रेस्टोरेंट और बार में स्मोकिंग पर प्रतिबंध लागू किया है. जिसका उद्देश्य नागरिकों के बीच धूम्रपान के जोखिम को कम करना और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना है.

सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर और कड़े नियमों को लागू करके, सभी देश धूम्रपान मुक्त भविष्य बना सकते हैं. इसकी मदद से वर्तमान और आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सकेगी. 


 

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