ओडिशा में बनाई गयी रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को ICMR की मंजूरी, कोरोना के सभी वेरिएंट का लगा सकती है पता

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ओडिशा में एक निजी कंपनी की बनायी हुई कोविड रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को मान्यता दी है. यह किट कोरोना के सभी प्रकारों का पता लगा सकती है.

ओडिशा में बनाई गयी रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को ICMR की मंजूरी
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST
  • ओडिशा में बनाई गयी कोविड रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को ICMR की मंजूरी.
  • यह किट कोरोना के सभी प्रकारों का पता लगा सकती है.

देश में कोरोना का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा. पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के 2.36 लाख नए केस सामने आए हैं. वहीं, इस जानलेवा महामारी की चपेट में आने से 871 लोगों ने दम तोड़ दिया. हालांकि महामारी से लड़ाई को बल देते हुए देश में अब तक 164.24 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन लगायी जा चुकी है. कोरोना काल में देश में भी तकनीकी क्रांति का दौर जारी है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और बल देते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ओडिशा में एक निजी कंपनी की बनायी हुई COVID-19 रैपिड एंटीजन टेस्ट किट को मान्यता दी है. 

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'आत्मनिर्भर भारत' को बल देते हुए इस किट को IMGENEX India Pvt Ltd, भुवनेश्वर ने क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (RMRC) के  इनपुट के साथ विकसित किया है. किट नेजल स्वैब सैंपल का इस्तेमाल करके कोरोना के अलग-अलग प्रकारों का पता लगा सकती है. आरएमआरसी के निदेशक डॉ संघमित्रा पाटी ने किट के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "इमजेनेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भुवनेश्वर ने सबसे पहले किट विकसित करना शुरू किया. जिसके बाद आरएमआरसी भुवनेश्वर ने इन-हाउस टेस्टिंग और सत्यापन के लिए सहायता की. इसके बाद हमने अप्रूवल के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया.”

कोरोना के सभी प्रकारों को कर सकती है डिटेक्ट 

 डॉ संघमित्रा पाटी ने कहा कि ImCOV-Ag किट बहुत अधिक संवेदनशीलऔर विशिष्ट है, जिसकी वजह से यह कोरोना के सभी प्रकारों का पता लगा सकती है. आईसीएमआर ने आरएमआरसी के आंतरिक सत्यापन और केरल से एक विशेषज्ञ समूह की प्रभावकारिता और सटीकता रिपोर्ट के आधार पर इस टेस्टिंग किट को मंजूरी दी है. IMGENEX के सीईओ डॉ सुजय सिंह ने जानकारी दी कि उन्होंने जून 2021 में किट पर काम शुरू किया और ICMR ने गुरुवार को कुछ प्रक्रियाओं का पालन करते हुए इसे मंजूरी दे दी. 

बाजार में मौजूद सभी किट्स की तुलना में सस्ती 

डॉ सिंह ने कहा कि मौजूदा सुविधाओं के साथ, फर्म 2 लाख किट का निर्माण कर सकती है जिसे प्रति माह 20 लाख किट तक बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि किट के दो महीने में बाजार में उपलब्ध होने की संभावना है. चूंकि यह पूर्वी भारत में इस तरह की पहली किट है, इसलिए इस क्षेत्र के राज्य आसानी से सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. डॉ सिंह ने कहा कि किट का दाम अब बाजार में उपलब्ध सभी किटों की तुलना में कम होगा. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक ICMR ने अब तक 150 एंटीजन बेस्ड रैपिड टेस्ट किट को मान्यता दी है. 

 

 

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