Overthink करना, छोटी-छोटी बात पर दुखी होना, किसी को 'ना' नहीं कह पाना… हो सकती है Emotional Absorption की निशानी, जानें क्या है ये

जो लोग ओवर सेंसिटिव होते हैं वे दूसरों की फीलिंग्स को भी अपने अंदर अब्सॉर्ब कर लेते हैं और उनकी सभी परेशानी फील करते हैं. इससे कई बार आपको परेशानी हो सकती है. 

Overthinking (Photo: Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST
  • आपको परेशानी हो सकती है
  • हो जाते हैं छोटी-छोटी बात पर दुखी

क्या आपको लोग अक्सर “सेंसिटिव” कहते हैं? या फिर क्या आप दूसरों के साथ बातचीत करने के बाद खुद को थका हुआ महसूस करते हैं? अगर हां, तो आप भावनात्मक अवशोषण या जिसे हम Emotional Absorption कहते हैं, का अनुभव कर रहे हैं. Emotional Absorption ऐसी घटना है जहां व्यक्ति अनजाने में अपने आसपास के लोगों की भावनाओं को अपने अंदर सोख लेता है. या आप दूसरों की बातों को या उनके साथ हो रही किसी भी बुरी या गलत चीज को खुद से जोड़ लेते हैं या उनसे ज्यादा अफेक्ट होते हैं. ऐसा आपकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.

आपको परेशानी हो सकती है

इमोशनल अब्सॉर्प्शन के कई संकेत हो सकते हैं. जैसे अटैचमेंट स्टाइल, कम आत्मसम्मान, या आप दूसरों पर डिपेंडेंट रहते हैं, या फिर आपको दूसरे लोगों की छोटी-छोटी बातें भी हर्ट करती हैं. ये सभी इमोशनल अब्सॉर्प्शन के संकेत हैं. इसके आलावा, जो लोग ओवर सेंसिटिव होते हैं वे दूसरों की फीलिंग्स को भी अपने अंदर अब्सॉर्ब कर लेते हैं और उनकी सभी परेशानी फील करते हैं. इससे कई बार आपको परेशानी हो सकती है. 

कैसे करें मैनेज?

आप इमोशनल अब्सॉर्प्शन को मैनेज कर सकते हैं. इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपना ख्याल रखें और अपनी फीलिंग्स पर अपना कंट्रोल रखें. ध्यान करना और अलग-अलग तरह की माइंडफुलनेस तकनीक भी घबराहट की भावनाओं को कम करने और आपको अंदर से बैलेंस कर सकती है. अगर आपको येसब चीजें ज्यादा परेशान कर रही हैं तो आप इसके लिए किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं. 

क्या हैं इमोशनल अब्सॉर्प्शन के संकेत?

1. भावनात्मक और मानसिक थकावट: सामाजिक मेलजोल के बाद थका हुआ महसूस करना और बड़े मीटिंग्स से बचना.

2. सेंसिटिव के रूप में लेबल किया जाना: आपके दोस्त और परिवार के सदस्य अगर आपको ओवर सेंसिटिव कहते हैं तो ये भी इसका संकेत है. 

3. हिंसा से प्रभावित होना: मीडिया या वास्तविक जीवन में हिंसक चीजों को देखने से आप प्रभावित महसूस करते हैं और ये आपको अंदर तक परेशान करता है तो ये भी इसका एक लक्षण हो सकता है. 

4. बाउंड्री सेट करने में मुश्किलें: दूसरों को परेशान करने के डर से उनके साथ आप अपनी बाउंड्री सेट नहीं कर पाते हैं. 

5. दूसरों की भावनाओं से प्रभावित हो जाना: अपने आस-पास के लोगों की भावनाओं से अगर आप तुरंत प्रभावित हो जाते हैं तो ये भी इमोशनल अब्सॉर्प्शन के लक्षण हैं. 

6. नेगेटिव इमोशंस से दूरी न बना पाना: आपको खुद को दूसरों की नकारात्मक भावनाओं से अलग करना चुनौतीपूर्ण लगता है.

7. आपको फिजिकल परेशानी होने लगती है: चिंता के लक्षणों के समान सांस लेने में समस्या, पेट में दर्द या गले में जकड़न जैसे शारीरिक लक्षणों का अनुभव होना.

8. मल्टीटास्किंग न कर पाना: बढ़ती संवेदनशीलता के कारण एक साथ कई काम नहीं कर पाते हैं या आपको ऐसा करने में मुश्किल होती है. 

9. न नहीं के पाते हैं: दूसरों को ठेस पहुंचाने के डर से इनकार करने से बचना और अपनी जरूरतों से ज्यादा उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देना. 


 

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