भारत में भी जल्द ही कोरोना की गोली मिल सकती है. ड्रग रेगुलेटर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) गुरुवार को उन आवेदनों की जांच करेगी, जिनमें कोविड के इलाज के लिए ओरल पिल मोल्नुपिराविर (Molnupiravir) के लिए मंजूरी मांगी गई है. इसके तहत आए हुए प्रपोजल की जांच के लिए SEC की एक तत्काल बैठक बुलाई गई है.
इस बारे में बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा कि समिति कम से कम आठ भारतीय दवा कंपनियों के आवेदनों की जांच करेगी. मोल्नुपिराविर वयस्कों में हल्के से मध्यम कोविड -19 संक्रमण के उपचार में प्रभावी है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु का जोखिम लगभग आधा हो गया है. नैटको, डॉ रेड्डीज, सिप्ला, सन फार्मा, हेटेरो और बीडीआर फार्मा सहित कई कंपनियां भारत में जेनेरिक एंटीवायरल पेश करने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही हैं.
ब्रिटेन में पहले ही मिल चुकी है मंजूरी
इस दिशा में ये कदम काफी महत्व रखता है क्योंकि मर्क और उसकी पार्टनर कंपनी रिजबैक द्वारा विकसित एंटीवायरल ओरल पिल हाई रिस्क वाले व्यक्तियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए काफी प्रभावशाली साबित हुई है. इससे पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियामक ने Covid 19 के इलाज में कारगर मानी जा रही एंटीवायरल गोली के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.
ये कोरोना की पहली ओरल पिल है जो उन लोगों के सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जा रही है जिन्हें कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है. एंटीवायरल पिल मोल्नुपिराविर के इस्तेमाल से उन लोगों के अस्पताल में भर्ती होने या मौत का खतरा कम हो जाता है जिनमें कोविड 19 के बहुत हल्के-फुल्के लक्षण देखे गए हैं, लेकिन कोरोना का गंभीर संक्रमण होने की संभावना है. अमेरिका, यूरोप और कुछ दूसरे देशों में भी इस दवा की समीक्षा की जा रही है.
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