अगर आपके बच्चे वीडियो गेम्स खेलते हैं और ये लत में तब्दील हो जाती है. तो सावधान रहें अपने बच्चे पर नजर बनाए रखें. अगर बेहोशी जैसा कुछ दिखे तो उसे गंभीरता से लें. खासकर अतिसंवेदनशील बच्चों के वीडियो गेम्स खेलने से उनकी दिल की धड़कन तेज हो सकती है. जो उनकी जिंदगी के लिए खतरा बन सकता है.
वीडियो गेम के झटके से बेहोश हो सकते हैं बच्चे
हाल ही में जर्नल हार्ट रिदम में छपी स्टडी में ये बात सामने आई है. जिसमें ये लिखा गया है कि वीडियो गेम में जो झटके लगते हैं वो कुछ बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकते है. ऑस्ट्रेलिया के द हार्ट सेंटर फॉर चिल्ड्रन के स्टडी प्रमुख क्लेयर एम लॉली के मुताबिक वीडियो गेम अर्थमैटिक कंडीशन में वैसे बच्चों के लिए घातक होता है जिन्हें पहले से धड़कन की समस्या होती है.
दिल जुड़ी बीमारी का जोखिम
स्टडी के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने इंटरनेशनल लेवल पर उन बच्चों की पहचान की जो वीडियो गेम खेलते समय अचानक बेहोश हो गए थे. जिसमें पाया गया कि 22 मामलों में मल्टीप्लेयर वॉर गेमिंग ने ट्रिगर किया था. बेहोश होने के पीछे गेमिंग के दौरान शरीर में नर्वस सिस्टम में एड्रीनर्जिक उत्तेजना को जिम्मेदार बताया है. कुछ बच्चों की दिल की धड़कन रुकने से मौत भी हो गई. रिसर्चर्स के मुताबिक कई बच्चों के ट्रीटमेंट के बाद भी दिल से जुड़ी बीमारी का जोखिम बना रहा. 63 फीसदी बच्चों में जेनेटिकल कारण पाया गया.
बच्चों को गेम खेलने से रोके
शोध में बच्चों में हार्ट से जुड़ी समस्या का लक्षण दिखने पर उन्हें ऐसे गेम खेलने से रोकने के लिए सावधान किया गया है. खासकर तब, जब परिवार में दिल से जुड़ी बीमारी का जेनेटिकल केस हो. जाहिर है इसके लिए को अभिभावकों को ही अपने बच्चों पर ध्यान रखना होगा.