बच्चों में फूड एलर्जी होना आम बात है. अब इसी से निपटने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने पीनट एलर्जी ट्रीटमेंट (Peanut Allergy Treatment) शुरू किया है. इसे दुनिया में अपनी तरह की पहली पहल माना जा रहा है. इस ट्रीटमेंट से पीनट एलर्जी के प्रति संवेदनशील बच्चों में इम्यूनिटी बनाना है. इससे दुनिया भर में बच्चों को एलर्जी से बचाया जा सकेगा.
फूड एलर्जी क्या है?
फूड एलर्जी तब होती है जब शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से कुछ फूड्स को खतरनाक समझ लेता है. इसका मतलब है कि शरीर को लगता है कि कोई फूड उसे नुकसान पहुंचा सकता है तो वो रिएक्ट करता है. इससे फूड एलर्जी होती है.
जॉन्स हॉपकिन्स के अनुसार, यह रिएक्शन इम्युनोग्लोबुलिन ई (IgE) एंटीबॉडी के प्रोडक्शन को ट्रिगर करती है. ये एंटीबॉडी नुकसान पहुंचाने वाले फूड पर रिएक्ट करती हैं, जिससे अलग-अलग एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं.
इन लक्षणों में पित्ती, अस्थमा, मुंह में खुजली, पेट दर्द, उल्टी या दस्त शामिल हैं. गंभीर मामलों में, जिसे एनाफिलेक्सिस के रूप में जाना जाता है, सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, जीभ या गले की सूजन और यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया में विश्व का पहला पीनट एलर्जी ट्रीटमेंट
अब ऑस्ट्रेलिया ने इन्हीं फूड एलर्जी में से एक का ट्रीटमेंट निकाल लिया है. वे बच्चों में पीनट एलर्जी के लिए ओरल इम्यूनोथेरेपी (OIT) शुरू कर रहा है. एबीसी (ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रोग्राम नेशनल एलर्जी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NACE) के सहयोग से पांच राज्यों के दस पीडियाट्रिक हॉस्पिटल का एक मिलाजुला प्रयास है.
प्रोग्राम के पीछे के कारण
ऑस्ट्रेलिया को अक्सर दुनिया की एलर्जी राजधानी कहा जाता है. इसमें फूड एलर्जी की एक बड़ी समस्या है. लगभग दस ऑस्ट्रेलियाई बच्चों में से एक को अपने पहले साल में फूड एलर्जी हो जाती है. इसमें लगभग 3% बच्चे 12 महीने की उम्र तक पीनट एलर्जी से प्रभावित होते हैं. सरकारी आंकड़ों से संकेत मिलता है कि 20% बच्चों में उम्र बढ़ने के साथ पीनट से होने वाली एलर्जी की समस्या बढ़ती है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच यह एक बड़ी चिंता का विषय बन जाता है. ऐसे में ये इलाज उन बच्चों को राहत देगा.