भारत में आसानी से मिलेगी कोरोना की सस्ती दवा! फाइजर कर रहा है प्लान, गरीबों के लिए भी होगी किफायती

Pfizer Covid Antiviral Drug: कोविड एंटीवायरल ड्रग मोलनुपिराविर के जेनेरिक वर्जन को भारत में मंजूरी दी गई है. इसके पूरे कोर्स की कीमत काफी किफायती है, इसके लिए एक व्यक्ति को करीब 1,400 रुपये खर्च करने होंगे. हालांकि जिन सस्ती दवाओं की मांग की गई है उनपर अभी काम चल रहा है, वे इस साल नहीं आ सकेंगी, इसीलिए कंपनी ने कम और मध्य आय वाले देशों के लिए विकल्प के तौर पर इस दवा की पेशकश की है.

Pfizer
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:49 AM IST
  • भारत सहित कई देशों से चल रही है बातचीत
  • विकल्प के तौर पर इस दवा की पेशकश

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत की खबर है. अब कोरोना की सस्ती दवा आने वाली है. अमेरिका की फार्मा कंपनी इसे आर्थिक रूप से कमजोर देशों के लिए लाने वाली है. भारत में भी ये दवा आएगी, इसकी मदद से देश के गरीबों को आसानी से कोरोना की दवा उपलब्ध हो पाएगी. बुधवार को कंपनी ने बताया कि एक अंतरिम उपाय के तौर पर कोविड की एंटीवायरल दवा पैक्सलोविड (Paxlovid) को ऐसे लोगों को दिया जाएगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. 

फाइजर के एंटीवायरल ड्रग पैक्सलोविड को कोरोना के खिलाफ प्रभावी माना जा रहा है. इस एंटीवायरल ड्रग को अभी तक अमेरिका, यूके और दूसरे कई देशों में इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है.

भारत सहित कई देशों से चल रही है बातचीत 

फाइजर ने बुधवार को बताया कि पैक्सलोविड (Paxlovid) के लिए भारत सहित कई दूसरे देशों बातचीत चल रही है. अभी तक कंपनी ने कई देशों के साथ तो परचेज एग्रीमेंट भी कर लिया है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के लिए अभी तक  फाइजर ने अप्लाई नहीं किया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह दवा 95 देशों को भेजी जाएगी, जिसमें भारत भी शामिल है. 

विकल्प के तौर पर इस दवा की पेशकश 

गौरतलब है कि हाल ही में कोविड एंटीवायरल ड्रग मोलनुपिराविर के जेनेरिक वर्जन को भारत में मंजूरी दी गई है. इसके पूरे कोर्स की कीमत काफी किफायती है, इसके लिए एक व्यक्ति को करीब 1,400 रुपये खर्च करने होंगे. हालांकि जिन सस्ती दवाओं की मांग की गई है उनपर अभी काम चल रहा है, वे इस साल नहीं आ सकेंगी, इसीलिए कंपनी ने कम और मध्य आय वाले देशों के लिए विकल्प के तौर पर इस दवा की पेशकश की है. 

अभी तक मिले हैं 100 से ज्यादा आवेदन 

मेडिसिन पेटेंट पूल के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमें 100 से ज्यादा आवेदन मिले हैं और प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है. दिसंबर में जब ये आने बंद हो जाएंगे, तब एप्लीकेशन को बंद करके उनका मूल्यांकन शुरू कर दिया जाएगा. हम कई मानदंडों के माध्यम से प्रत्येक कंपनी की जांच करते हैं. उत्पादन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, इसे फाइजर के साथ साझा किया जाता है.”

जांच के बाद की प्रक्रिया क्या होगी?

प्रवक्ता ने आगे बताया, "जांच जारी होने के साथ, फाइजर सब-ग्रांट के लिए हमारे साथ एक लाइसेंस पर हस्ताक्षर करने की वर्तमान समय सीमा फरवरी है. जो लोग हस्ताक्षर करेंगे, वे अगली प्रक्रिया में जाएंगे. इसमें उनके उत्पाद के काम के साथ-साथ मूल दवा दिखाने और यूएस एफडीए, ईयू ड्रग रेगुलेटर, डब्ल्यूएचओ या इमरजेंसी मेडिसिन एजेंसी जैसे देश में एक रेगुलेटर से क्वालिटी अप्रूवल प्राप्त करना शामिल है.”

अप्रूवल के दो महीने बाद ही आ जाएगी दवा 

कंपनी ने बताया कि अगर सब-लाइसेंस जल्द से जल्द दिया जाता है और भारतीय दवा नियामक आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन को मंजूरी दे देता है, तो हम दो महीने में पैक्सलोविड जेनेरिक लॉन्च करने में सक्षम होंगे. 
 
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